Move to Jagran APP

Bollywood In Kashmir: कश्मीर फिर बनेगा बालीवुड का महबूब; जम्मू-कश्मीर प्रशासन तैयार कर रहा फिल्म नीति

Bollywood In Kashmirकश्मीर के वरिष्ठ साहित्यकार हसरत गड्डा ने कहा कि आप 1990 से पहले की बात करें तो यहां आए दिन किसी न किसी फिल्म की शूटिंग होती थी। फिर आतंकवाद शुरू हो गया और फिल्मों की शूटिंग बंद हो गई।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 10:32 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 10:38 AM (IST)
Bollywood In Kashmir: कश्मीर फिर बनेगा बालीवुड का महबूब; जम्मू-कश्मीर प्रशासन तैयार कर रहा फिल्म नीति
जम्मू कश्मीर प्रशासन अब फिर बालीवुड इंडस्ट्री को कश्मीर लाने के लिए फिल्म नीति बना रहा है।

श्रीनगर, नवीन नवाज: ये वादियां, ये फिजाएं बुला रही हैं तुम्हें...। बदले हालात और माहौल के बीच नया जम्मू कश्मीर बालीवुड के लिए फिर बाहें पसारे खड़ा है। खूबसूरत देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़, बर्फ से लदी चोटियां, डल झील के दिलकश नजारे मानो फिर जवां अंगड़ाई लेकर बालीवुड को पुकार रहे हों।

loksabha election banner

आतंकवाद और अलगाववाद के कारण बिखर चुके कश्मीर के बालीवुड से रिश्तों को फिर से जोडऩे के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन सक्रिय हो गया है। कश्मीर को बालीवुड की पहली पसंद बनाने के लिए जम्मू कश्मीर में एक फिल्म नीति तैयार की जा रही है। वह दिन दूर नहीं, जब कश्मीर फिर बालीवुड का महबूब होगा।

1990 तक बालीवुड की कई ब्लाक बस्टर फिल्मों की शूटिंग कश्मीर में ही हुई है। प्रत्येक फिल्म निर्माता-निर्देशक और फिल्म स्टार की चाहत होती थी कि कोई रोमांटिक गीत या सीन फिल्माया जाना है तो वह कश्मीर की दिलकश वादियों में ही फिल्माया जाए। लेकिन धर्मांध जिहादी तत्वों ने घाटी में अपने पांव क्या रखे, बॉलीवुड का कश्मीर से रिश्ता एक अतीत बनकर रह गया।

जम्मू कश्मीर प्रशासन अब फिर बालीवुड इंडस्ट्री को कश्मीर लाने के लिए फिल्म नीति बना रहा है। प्रस्तावित नीति का एक प्रारूप तैयार कर उसे जल्द संबंधित पक्षों के सुझाव और आपत्तियों के लिए सार्वजनिक भी किया जाएगा।

क्या है प्रस्तावित फिल्म नीति में :

  • कश्मीर में फिल्म शूटिंग के लिए संबंधित फिल्म यूनिट को सरकारी खर्च पर पर्याप्त सुरक्षा चक्र उपलब्ध कराया जाएगा।
  • शूटिंग के लिए वादी में सरकारी अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के अलावा संबंधित फीस भी माफ की जा रही है।
  • कश्मीर केंद्रित फिल्में, जो कश्मीर की कला, संस्कृति और इतिहास को दर्शाती हों और स्थानीय फिल्मकारों, कलाकारों द्वारा निॢमत होंगी, उन्हें वित्तीय मदद भी दी जाएगी। यह मदद बालीवुड के फिल्म निर्माता निर्देशकों को भी सशर्त दिए जाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
  • कश्मीर में एक फिल्म सिटी का निर्माण भी प्रस्तावित नीति का हिस्सा होगा।

उपराज्यपाल फिल्म निर्माताओं से कर चुके मुलाकात : प्रदेश प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीर के स्थानीय कलाकारों और फिल्म निर्माताओं के आग्रह पर ही बीते साल फिल्म नीति बनानेे का फैसला लिया था। इस सिलसिले में उपराज्यपाल ने मुंबई में कई फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं से मुलाकात भी की थी। उपराज्यपाल का मानना है कि कश्मीर में फिल्म उद्योग को प्रोत्साहित करने से स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ कश्मीर में पर्यटन भी विकसित होगा।

दौरे पर आईं थीं फिल्म जगत की कई हस्तियां : संबंधित अधिकारी ने बताया कि जनवरी में प्रदेश सरकार ने फिल्म जगत की कई नामी हस्तियों को कश्मीर के दौरे पर बुलाया था। यह लोग गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग समेत वादी के विभिन्न हिस्सों में फिल्म शूटिंग लायक स्थानों को परखने गए थे। इन लोगों ने भी प्रदेश सरकार को फिल्म नीति तैयार करने के लिए कई सुझाव दिए हैं।

आतंकी संगठनों ने फिल्मों को बताया था इस्लाम के खिलाफ : कश्मीर के वरिष्ठ साहित्यकार हसरत गड्डा ने कहा कि आप 1990 से पहले की बात करें तो यहां आए दिन किसी न किसी फिल्म की शूटिंग होती थी। फिर आतंकवाद शुरू हो गया और फिल्मों की शूटिंग बंद हो गई। कई आतंकी संगठनों ने फिल्मों को इस्लाम के खिलाफ करार दिया, अलगाववादियों ने भी इनका विरोध किया। अगर यहां सरकार गंभीरता से फिल्म नीति लागू करती है तो कश्मीर फिर से बालीवुड की पहली पसंद होगा।

आतंकी हिंसा से यूरोप का रुख कर गए फिल्म निर्माता : प्रतिष्ठित फिल्मकार मुश्ताक अहमद अली ने कहा कि दिल से, रोजा समेत कई फिल्में कश्मीर की पृष्ठभूमि पर बनी हैं, लेकिन उनकी शूटिंग कहीं और हुई। आप अगर 1960-70 के दौरान की फिल्में देखेंगे तो आपको कश्मीर ही नजर आएगा। आतंकी हिंसा शुरू होते ही हमारे बालीवुड के फिल्म निर्माता, पंजाब के फिल्मकार यूरोप का रुख कर गए। इसका नुकसान कश्मीर को बहुत ज्यादा हुआ है। अब एक बार फिर सरकारी स्तर पर कश्मीर में फिल्म निर्माताओं को आकॢषत करने का प्रयास शुरू हुआ है, जो काबिले तारीफ है।

याद हैं ये ब्लाक बस्टर फिल्में : बेताब, सत्ते पे सत्ता, राकी, जंगली, कश्मीर की कली, प्रोफेसर, शर्मीली, कर्मा, नटवर लाल, कटी पतंग, कारवां, बाबी, जब-जब फूल खिले, जानवर, रोटी, मेरे सनम, कभी-कभी, लावारिस, नूरी, सिलसिला, आरजू, एक हसीना एक मुसाफिर, बेमिसाल, जैसी कई ब्लाक बस्टर फिल्मों के कई हिस्सों की शूटिंग कश्मीर में ही हुई है। इनके अलावा मिशन कश्मीर के कुछ हिस्से भी कश्मीर में ही फिल्माए गए। बीते दो दशकों के दौरान कश्मीर में फिल्माई गई प्रमुख फिल्मों में हाईवे, हैदर, बजरंगी भाईजान, जब तक है जान, राजी, स्टूडेंट आफ द ईयर, राकस्टार, अय्यारी, यह जवानी है दिवानी, फितूर, तन्हा के नाम उल्लेखनीय हैं। इनके अलावा दक्षिण भारत की करीब 15 फिल्मों की शूटिंग कश्मीर में हुई है। कई फिल्म सीरियल भी कश्मीर में फिल्माए गए हैं। सात पंजाबी फिल्मों की शूटिंग बीते एक दशक के दौरान कश्मीर में हुई है और तीन म्यूजिकल एलबम भी कश्मीर में शूट हुए हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.