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Ladakh: ITBP जवानों ने 17000 फीट ऊंचाई पर लहराया तिरंगा, -20 तापमान में लगे भारत माता की जय के नारे

आइटीबीपी में अधिकांश अधिकारी और जवान पेशेवर रूप से प्रशिक्षित पर्वतारोही और स्कीयर हैं। प्राकृतिक आपदा के समय यही जवान देश भर में कई बचाव और राहत कार्यों को अंजाम देते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 04:26 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 05:34 PM (IST)
Ladakh: ITBP जवानों ने 17000 फीट ऊंचाई पर लहराया तिरंगा, -20 तापमान में लगे भारत माता की जय के नारे
Ladakh: ITBP जवानों ने 17000 फीट ऊंचाई पर लहराया तिरंगा, -20 तापमान में लगे भारत माता की जय के नारे

जम्मू, जेएनएन। बर्फीले रेगिस्तान कहे जाने वाले लद्दाख में 17000 फुट की ऊंचाई, -20 डिग्री सेल्सियस तापमान और बर्फबारी के बीच लहराता राष्ट्रीय ध्वज और भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे भारत के सपूतों की बहादुरी, जोश को दर्शा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के जवानों की यह वीडियो हर देशवासी को भारतीय होने का गर्व दिला रही है।

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वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि हिमवीरों ने सफेद रंग की वर्दी पहनी हुई है और हाथों में लिया हुआ तिरंगा तेज हवा में लहरा रहा है। सर्द मौसम, हांड कपा देने वाली ठंड की परवाह न करते हुए भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे इन जवानों में देशभक्ति का जोश और देश सेवा की भावना साफ दिख रही है। यही नहीं ये जवान हाथों में तिरंगा लिए दुर्गम पहाड़ियों के बीच मार्च करते हुए सरहनों की निगेबानी भी कर रहे हैं।

सनद रहे कि गणतंत्र दिवस पर कुल 15 आईटीबीपी कर्मियों को देश सेवा की भावना को देखते हुए पदक के साथ सम्मानित किया है। आइटीबीपी सेना का गठन 24 अक्टूबर 1962 को हुआ था। वर्तमान में, आइटीबीपी को लद्दाख के काराकोरम दर्रे से लेकर अरुणाचल प्रदेश के जचप ला तक 3488 किलोमीटर तक फैली भारत-चीन सीमा की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। यही नहीं आपको यह जानकार और भी हेरानगी होगी कि भारत-चीन सीमा के पश्चिमी, मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में 9000 से 18700 की ऊंचाई पर बनी सीमा चौकियों पर तैनात रहकर, भारत माता के ये सच्चे सपूत अपनी जान की परवाह न करत हुए दिन-रात इस बात का ध्यान रखते हैं कि देश के दुश्मन हमारी सीमा में घुसपैठ कर यहां अशांति न फैलाएं।

आइटीबीपी में अधिकांश अधिकारी और जवान पेशेवर रूप से प्रशिक्षित पर्वतारोही और स्कीयर हैं। प्राकृतिक आपदा के समय यही जवान देश भर में कई बचाव और राहत कार्यों को अंजाम देते हैं। 


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