Jammu Kashmir: गोबर निस्तारण की व्यवस्था करना जरूरी, बायोगैस प्लांट लगाने के लिए 90 फीसद सब्सिडी देगी सरकार
डेयरी फार्म व गौशाला संचालक राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बायोगैस प्लांट लगा सकते हैं और इसमें सरकार की तरफ से 90 फीसद सब्सिडी दी जाएगी। दस फीसद राशि लगाकर डेयरी फार्म व गौशाला संचालक गोबर से गैस बनाकर अपने घर की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार अब हर डेयरी फार्म व गौशाला में गोबर निस्तारण की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए जम्मू नगर निगम व प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने भी सार्वजनिक सूचना जारी कर डेयरी फार्म व गौशाला संचालकों को समय रहते कचरा निस्तारण की उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। ऐसे में जम्मू शहर व आसपास के क्षेत्रों में चल रहे डेयरी फार्म व गौरशाला संचालकों के लिए गोबर निस्तारण एक बड़ी समस्या बन रही थी। इसका समाधान करते हुए कृषि विभाग ने इन किसानों को बायोगैस प्लांट लगाने के लिए 90 फीसद सब्सिडी देने का फैसला लिया है।
वीरवार को राष्ट्रीय प्रदूषण रोकथाम दिवस के अवसर पर जम्मू-कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की ओर से डेयरी फार्म से निकलने वाले गोबर के निस्तारण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। बिक्रम चौक स्थित वन सूचना केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान एक निजी कंपनी की ओर से तैयार बायोगैस प्लांट भी प्रदर्शित किया। कार्यशाला में मौजूद किसानों को बायोगैस प्लांट के इस्तेमाल बारे विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यशाला के दौरान प्रदूषण बोर्ड अधिकारियों ने बताया कि डेयरी फार्म व गौशाला संचालक राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बायोगैस प्लांट लगा सकते हैं और इसमें सरकार की तरफ से 90 फीसद सब्सिडी दी जाएगी। दस फीसद राशि लगाकर डेयरी फार्म व गौशाला संचालक गोबर से गैस बनाकर अपने घर की जरूरतों को पूरा करने के साथ आमदनी का स्रोत भी बना सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि गोबर से बायोगैस बनने के बाद जो कंपोस्ट बचता है, उसे खाद के रूप में खेतों में इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में डेयरी फार्म व गौशाला संचालक एक बायोगैस प्लांट लगाकर कई फायदे उठा सकते हैं।