Jammu: दमकल की राह रोकती हैं शहर की तंग गलियां, आग लगेगी तो बुझेगी कैसे?
पुराने शहर में तंग बाजारों के अलावा संकरी गलियों और आसपास के इलाकों में होने वाली आग की घटनाओं के दौरान फायर ब्रिगेड को पहुंचने में दिक्कतें सामने आती हैं।
जम्मू, दिनेश महाजन। पुरानी दिल्ली में आग ने जिस प्रकार से मौत का तांडव मचाया, उससे जम्मू के पुराने शहर में रहने वाले लोग भी सिहर उठे हैं। पुराने शहर की घनी आबादी वाले मोहल्लों की तंग गलियों में यदि ऐसी आग लगती है तो वहां भी भारी जान व माल का नुकसान हो सकता है। यहां नियमों को दरकिनार कर बहुमंजिली इमारतों का निर्माण हो रहा है। कई इमारतों में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है। नगर निगम भी आंखें मूंदे है। गलियां इतनी संकरी हैं कि यदि आग लग गई तो दमकल कर्मियों को घटनास्थल तक पहुंच पाना आसान नहीं होगा।
शहर के ज्यूल चौक में लोगों ने अपने घरों को होटलों में तब्दील कर दिया है। यहां तीन से चार मंजिला होटल हैं। इन तंग गलियों में दमकल की गाड़ियां नहीं जा सकतीं। इसी प्रकार प्रसिद्ध रघुनाथ बाजार की बात करें तो बाजार के एक ओर रघुनाथ मोहल्ला, दूसरी ओर प्रतापगढ़ मोहल्ला पड़ता है। इन मोहल्लों में घनी आबादी है। यदि इन गलियों में आग लग गई तो जान व माल के खतरे की आशंका प्रबल है। इसी प्रकार मल्होत्र मोहल्ला, काली जरनी, पटेल बाजार, पक्काडंगा, जुलाका मोहल्ला, मस्त गढ़, जैन बाजार, खिलौने वाली गली समेत कई ऐसे इलाके हैं, जहां पैदल चल पाना भी आसान नहीं है। आग की घटना होती है तो वह भंयकर रूप ले सकती है।
हादसे के मुहाने पर पुराना शहर
पुराने शहर में तंग बाजारों के अलावा संकरी गलियों और आसपास के इलाकों में होने वाली आग की घटनाओं के दौरान फायर ब्रिगेड को पहुंचने में दिक्कतें सामने आती हैं। पुराने शहर के कच्ची छावनी में स्थित फायर ब्रिगेड के पास दो बड़े फायर टैंकर हैं। इनमें प्रत्येक की क्षमता साढ़े चार हजार लीटर पानी की है। इसके अलावा एक क्विक रेस्पांस व्हीकल, जिसकी क्षमता साढ़े तीन सौ लीटर पानी की है। इसके अलावा एक बुलेट मोटरसाइकिल, जिसमें दो फायर अग्निरोधक किट लगी हुई है।
मोटरसाइकिल स्क्वायड का प्रयोग छोटी आग की घटना पर काबू करने के लिए किया जाता है। शहर के बीचोबीच बने ज्यूल चौक, लोअर गुम्मट, अपर गुम्मट, प्रतापगढ़ मोहल्ला, मल्होत्र मोहल्ला, पटेल बाजार, पक्का डंगा, फत्तू चौगान, खिलौने वाली गली, तांगे वाली गली, मुबारक मंडी, पुरानी मंडी, लिंक रोड, जैन बाजार और अन्य बाजारों के अलावा छोटी और तंग गलियों में अगर आग की कोई घटना होती है तो फायर ब्रिगेड और कर्मचारियों को घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
इतिहास बन गए वाटर हाइड्रेंट
तंग गलियों और घनी आबादी वाले शहर में आपात स्थिति से निपटने के लिए वाटर हाइड्रेंट (पानी भरने का प्वाइंट) लगाए थे। पानी भरने के अलावा आम लोग आग लगने के दौरान इन्हीं वाटर हाईड्रेंट से पानी लेकर आग पर काबू पा सकते थे। समय के साथ इन वाटर हाइड्रेंट का रखरखाव नहीं किया गया। धीरे-धीरे यह हाइड्रेंट्स बंद हो गए। किसी समय में शहर के भीतर 16 हाईड्रेंट हुआ करते थे, जिनमें चौबीस घंटे पानी की आपूर्ति होती थी। पीएचई विभाग ने इस हाइड्रेंट पर विशेष सप्लाई लाइन दी थी, लेकिन समय के साथ विशेष सप्लाई लाइन में पानी सूख गया। वाटर हाइड्रेंट में पानी आना बंद हो गया।
फायर ब्रिगेड का मोटरसाइकिल दस्ता कारगर
पुराने मोहल्लों की संकरी गलियों के आसपास मकानों में आग लगने से बचाव के लिए फायर ब्रिगेड के छोटे वाहन कारगर हो सकते हैं। जम्मू शहर में फायर ब्रिगेड के पास मोटरसाइकिल दस्ता है लेकिन ऐसे संसाधन को और बढ़ाने की जरूरत है। कई शहरों में संकरी गलियों में आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की मोटरसाइकिल का दस्ता तैयार किया गया है। इस योजना पर अमल करने से आग पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। यह मोटरसाइकिल हालांकि अन्य मोटरसाइकिलों की तरह ही होती है लेकिन इसमें आग बुझाने के जरूरी संसाधन होते हैं। सिलेंडर, हूटर, सायरन, लाइट और आग पर काबू पाने के लिए पानी व फोम रसायन भी रहता है। आग की घटना होने पर प्राथमिक स्तर पर तुरंत काबू पाया जाता है।
आग से बचाव के लिए यह रखें याद
- गलियों में बिजली के तारों को टाइट किया जाना चाहिए।
- घरों में वायरिंग अच्छी होनी चाहिए।
- रसोई में गैस चूल्हा का इस्तेमाल करते समय अतिरिक्त सावधानी रखनी जानी चाहिए, ताकि दुर्घटना न हो।
- फायर ब्रिगेड का नंबर 101 सभी को याद रहना चाहिए ताकि जरूरत पडऩे पर मदद के लिए तुरंत सूचना दी जा सके।
अवैध पार्किग सबसे बड़ी दिक्कत
पुराने शहर में उन्हें सबसे अधिक दिक्कत सड़क किनारे होने वाली अवैध पार्किग है। मौके पर दमकल वाहन के पहुंचने में सबसे अधिक परेशानी आती है। भट्ट के अनुसार फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के पास क्विक रिएक्शन व्हीकल है, जो तंग गलियों तक पहुंच जाता है। इसके अलावा अधिक तंग गलियों में मिस्ट तकनीक से युक्त मोटरसाइकिल भी है। मिस्ट तकनीक में एक डिब्बे में पानी, फोम व केमिकल को मिलाकर रखा जाता है, मौके पर सबसे पहले यही उपकरण पहुंचता है। - विजय भट्ट, डिवीजनल फायर ऑफिसर