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Jammu Kashmir : चीनी सैनिकों की हरकतों पर अंतरिक्ष से निगरानी कर रहा है अदृश्य जासूस

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन बार-बार हिमाकत कर रहा है लेकिन भारतीय सेना हर बार उसकी साजिश को नाकाम बना रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 10:50 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 10:50 AM (IST)
Jammu Kashmir : चीनी सैनिकों की हरकतों पर अंतरिक्ष से निगरानी कर रहा है अदृश्य जासूस
Jammu Kashmir : चीनी सैनिकों की हरकतों पर अंतरिक्ष से निगरानी कर रहा है अदृश्य जासूस

जम्म, विवेक सिंह । पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन बार-बार हिमाकत कर रहा है, लेकिन भारतीय सेना हर बार उसकी साजिश को नाकाम बना रही है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) थोड़ी सी भी हलचल करती है तो पहले से अलर्ट भारतीय जवान उसके इरादों को नेस्तानाबूद करने में पलभर की भी देरी नहीं लगाते। दरअसल, एलएसी पर अंतरिक्ष से अदृश्य जासूस (सेटेलाइट) से चीन की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है।

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सैन्य सूत्रों के अनुसार, एलएसी पर सेना को देश के सेटेलाइट से दुश्मन की हर गतिविधि के बारे में सटीक जानकारी मिल रही है। इसी की बदौलत भारतीय जांबाजों ने एलएसी पर चीन से दो कदम आगे बढ़ते हुए ब्लैक टॉप और कुछ चोटियों पर कब्जा कर खुद को रणनीतिक रूप से मजबूत कर लिया। इसके साथ दिन-रात उड़ान भर रहे वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर भी ऊंचाई से दुश्मन के इलाकों पर पैनी नजर रख रहे हैं। हाल में पूर्वी लद्दाख के दौरे के दौरान थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने सेना के निगरानी तंत्र को मजबूत बनाने और सेना की तैयारियों की समीक्षा भी की थी। ऐसे में भारतीय सेना चीन से तकनीकी तौर पर भी मजबूत साबित हो रही है।

कुछ माह पूर्व लांच किया था रिसेट-2बीआर1 :

अंतरिक्ष में हमारा दोस्त है सेटेलाइट रिसेट-2बीआर1। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने कुछ माह पूर्व लांच किया था। हर मौसम में कारगर यह सेटेलाइट रडार इमेजिंग से मदद करता है और सटीक जानकारी देता है।

क्या है रिसेट-2बीआर1 : रिसैट-2बीआर1 दिन और रात दोनों समय काम करता है और यह किसी भी मौसम में तस्वीरें लेने में सक्षम है। यह माइक्रोवेव फ्रीक्वेंसी पर काम करने वाला सेटेलाइट है। इसलिए इसे रडार इमेजिंग सेटेलाइट कहते हैं। यह रीसेट-2 का आधुनिक वर्जन है और भारत का निगहबान भी। यह अंतरिक्ष में 576 किलोमीटर की ऊंचाई से देश की सीमाओं पर नजर रख रहा है।

चीन के सेटेलाइट ट्रैकिंग स्टेशन पर भी नजर :

सूत्रों के अनुसार, एलएसी के पास डेमचोक क्षेत्र में 60 किलोमीटर की दूरी पर चीन ने अपना सेटेलाइट ट्रैकिंग स्टेशन स्थापित क्या है। इस पर भी भारतीय सेटेलाइट ने पूरी नजर जमाई है। भारतीय सेटेलाइट की नजर से बचाने के लिए चीन ने इस सेटेलाइट ट्रैकिंग स्टेशन को बौद्ध धर्मस्थल काल चक्र का रूप दिया है। हमारे सेटेलाइट चीन के साथ नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली नापाक गतिविधियों पर भी पैनी नजर रखे हुए हैं।

सेना व वायुसेना के पास विश्व के बेहतर निगरानी यंत्र :

सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता के अनुसार, भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में चीन का सामना करने के लिए सशक्त है और 24 घंटे सर्वेलांस से निगरानी की जा रही है। भारतीय सेना थर्मल इमेजरों, हैंड हेल्ड इमेजर से भी दुश्मन की कड़ी निगरानी कर रही है। इस कार्य में अंतरिक्ष में धूम रहे 'जासूसÓ की भी अहम भूमिका है। ब्रिगेडियर गुप्ता ने बताया कि कारगिल के बाद सेना के सर्वेलांस सिस्टम को और मजबूत बनाने की जरूरत महसूस की गई थी। आज सेना, व वायुसेना के पास विश्व के बेहतर निगरानी यंत्र हैं। इनमें आधुनिक मानवरहित टोही विमान (यूएवी) व ड्रोन भी शामिल हैं।


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