Jammu Kashmir : देश-विदेश के निवेशक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निवेश के लिए उत्साहित, सरकार ने समिति गठित की
केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में सुधरते हालात से उत्साहित हो देश-विदेश के कई निवेशकों ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र मेें निवेश की इच्छा के साथ प्रस्ताव सौंपना शुरु कर दिया है। इन प्रस्तावों की व्यावहारिकता और जम्मू कश्मीर की जनता को इनसे होने वाली दीर्घकालिक लाभ
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में सुधरते हालात से उत्साहित हो देश-विदेश के कई निवेशकों ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र मेें निवेश की इच्छा के साथ प्रस्ताव सौंपना शुरु कर दिया है। इन प्रस्तावों की व्यावहारिकता और जम्मू कश्मीर की जनता को इनसे होने वाली दीर्घकालिक लाभ की संभावनाआें का आकलन कर, इन्हें स्वीकारने या नकारने के लिए प्रदेश सरकार ने एक समिति गठित कर दी है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी देश के किसी भी बड़े व्यावसायिक और प्रतिष्ठित समूह का जम्मू कश्मीर में कोई प्रमुख अस्पताल नहीं है। प्रदेश में अधिकांश आबादी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा के संदर्भ में सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर करती है।
प्रस्ताव जम्मू कश्मीर हेल्थ केयर इनवेटस्टमेंट पालिसी के तहत प्राप्त हुए
प्रदेश प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र से जुड़े यह सभी प्रस्ताव जम्मू कश्मीर हेल्थ केयर इनवेटस्टमेंट पालिसी के तहत प्राप्त हुए हैं। करीब दो हजार करोड़ रुपये के निवेश से संबंधित यह प्रस्ताव जम्मू कश्मीर में निजी अस्पताल और मेडिकल कालेजों की स्थापना से जड़े हुए हैं। कुछ नामी दवा कंपनियों के प्रस्ताव भी हैं। इन सभी प्रस्तावों पर विचार करने और उनकी व्यावहारिकता व जम्मू कश्मीर की जनता को उनसे होने वाले लाभ और अन्य संबधित बिंदुओं पर विचार करने के बाद ही स्वीकार किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त अटल डुल्लु ने एक समिति बनायी है। किसी भी प्रस्ताव पर अंतिम फैसले के लिए उसकी सिफारिश सर्वाेच्च समिति को सौंपने से पूर्व समिति को अपनी सिफारिशों पर आधारित रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रशासकीय सचिव को भेजनी होंगी।
उन्हाेंने बताया कि जम्मू कश्मीर हेल्थ केयर इनवेस्टमेंट पालिसी को करीब डेढ़ वर्ष पूर्व तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में नौ मार्च 2020 में हुई प्रदेश प्रशासनिक परिषद की बैठक में मंजूरी दी गई थी। यह नीति जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए निजी निवेशकों को आकर्षित करने के इरादे से तैयार की गई है। हेल्थ केयर इनवेस्टमेंट पालिसी के तहत जम्मू कश्मीर में निवेश करने वालों को सालान ब्याज जो अधिकतम 15 लाख होगा, पर पांच साल की अवधि तक पांच प्रतिशत की सबसिडी मिलेगी। यह सुविधा संबधित परियोजना के क्रियाशील होने के बाद ही मिलेगी। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र को बिजली किराया दरों में जो भी छूट व सबसिडी प्राप्त होगी, वह भी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े संबधित संस्थानों को मिलेगी।