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Investment In Jammu And Kashmir: सारी अड़चनें दूर, अब निवेश की उम्मीदें भरपूर

Investment In Jammu And Kashmir उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने कहा कि उद्योग के लिए भूमि के मालिकाना हक निवेश शहरों में जगह और निजी क्षेत्र में रोजगार की अड़चनें दूर कर दी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 08:02 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 08:02 PM (IST)
Investment In Jammu And Kashmir: सारी अड़चनें दूर, अब निवेश की उम्मीदें भरपूर
Investment In Jammu And Kashmir: सारी अड़चनें दूर, अब निवेश की उम्मीदें भरपूर

जम्मू, राज्य ब्यूरो। Investment In Jammu And Kashmir: उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुए ऐतिहासिक बदलाव से देश और जम्मू-कश्मीर के बीच कानूनी और आर्थिक अड़चनें दूर हो गई हैं। स्थानीय नागरिकों के भूमि अधिकार और रोजगार के अवसरों के हितों की रक्षा करते हुए देश की कानून व्यवस्था और प्रणाली जम्मू-कश्मीर में लागू हो गई है। उद्योग के लिए भूमि के मालिकाना हक, निवेश, शहरों में जगह और निजी क्षेत्र में रोजगार की अड़चनें दूर कर दी है। लखनपुर टोल पोस्ट हटा दिया। जम्मू-कश्मीर में स्थायी नागरिकता की बाध्यता समाप्त कर दी। उद्योगों में कार्यरत दूसरे राज्यों के कर्मियों के बच्चे शिक्षा व प्रोफेशनल शिक्षा हासिल कर सकेंगे।

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उपराज्यपाल वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन-2020 से पूर्व निवेशकों को जम्मू कश्मीर के मैत्रीपूर्ण माहौल की जानकारी देने के लिए नई दिल्ली में हुई प्री-वैश्विक निवेशक सम्मेलन बैठक में बोल रहे थे। इस बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय के में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम, उपराज्यपाल के सलाहकार केवल कृष्ण शर्मा भी उपस्थित थे।

जम्मू-कश्मीर नहीं उठा पा रहा था फायदा

उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर अड़चनों के कारण उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को उद्योगों में दी जा रही रियायतों का फायदा नहीं उठा पा रहा था। रियायतें भारत सरकार हिमालयन राज्यों को उपलब्ध करवा रही थी। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश ने अपने अपने क्षेत्रों में उद्योग लगाकर फायदा उठाया, लेकिन जम्मू-कश्मीर फायदा नहीं ले पाया। जम्मू-कश्मीर में बड़ी फैक्टरी चिनाब टेक्सटाइल पचास साल पहले लगी थी। उसके बाद कोई उद्योग नहीं लगा। 

दूर हुई लोगों की शंकाएं

उपराज्यपाल ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में असमंजस की स्थिति समाप्त हो गई है। कश्मीर के अधिकतर लोग अलगाववाद और आतंकवाद का विरोध करते हैं। जम्मू से अलगावाद या आतंकवाद का कोई समर्थन नहीं करता। लोगों के दिलों से हर तरह की शंकाएं दूर हो चुकी है। उपराज्यपाल ने कहा कि निवेश के लिए 14 क्षेत्रों की पहचान की है। नई उद्योग नीति बनाने की दिशा में काम हो रहा है, जो अंतिम चरण में है। वहीं, इंडस्ट्री और कामर्स के आयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार गंभीरता से कदम उठा रही है। निवेशक सम्मेलन के जरिए जम्मू कश्मीर में बड़ा निवेश लाने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा।

निवेश के लिए चयनित 14 सेक्ट

पर्यटन-फिल्म पर्यटन-बागवानी-कृषि और खाद्य प्रसंस्करण-सिल्क के लिए शहतूत उत्पादन-स्वास्थ्य-दवाइयां-आइटी-नव ऊर्जा-ढांचागत और रीयल इस्टेट-हथकरघा-हस्तकला-शिक्षा

प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता से प्रोत्साहित है सम्मेलन

उपराज्यपाल मुर्मू ने कहा कि गुजरात में निवेशक सम्मेलन आयोजित करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता से प्रोत्साहित होकर जम्मू कश्मीर में निवेशक सम्मेलन करवाया जा रहा है। वैश्विक निवेशक सम्मेलन का विषय, 'खोज, निवेश और विकास' रखा है। सम्मेलन के मध्यम से एक मंच पर देश विदेश के प्रमुख उद्योगपतियों, नीति निर्धारिकों, विकास एजेंसियों, स्थानीय उद्यमियों पर इकट्ठा कर पाएंगे। निवेशकों के लिए जम्मू-कश्मीर को अर्थ व्यवस्था का केंद्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर में विकास का नया अध्याय शुरू कर रहे है। प्रधानमंत्री की दिलचस्पी से जम्मू कश्मीर हर क्षेत्र में विकास की राह पर है। निवेशक सम्मेलन का आयोजन करना सराहनी है। उपराज्यपाल सही समय पर सही कदम उठा रहे हैं।

-डॉ. जितेंद्र सिंह, राज्यमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय।

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