जम्मू कश्मीर में मानव संसाधन क्षमता का आज तक सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हुआ
डाॅ सहरीश ने महिलाओं की प्रबंधकीय और प्रशासनिक क्षमताओं के बारे में चर्चा करते उन सभी बिंदुओं पर भी रोशनी डाली जिन पर ध्यान देकर वह वित्त कानूनी आदि चुनौतियों से पार पा सकती हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर जैसे प्रदेशों में मानव संसाधन क्षमता का आज तक सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हुआ है। अगर उद्यमिता और स्वरोजगार के प्रति युवाओं को सही तरीके से प्रोत्साहित किया जाए तो पूरे क्षेत्र की आर्थिक-सामाजिक-औद्योगिक तस्वीर बदल जाएगी।
यह बात सूचना निदेशक डाॅ सैय्यद सहरीश असगर ने फिक्की की जम्मू-कश्मीर परिषद द्वारा जम्मू-कश्मीर की महिलाओं के लिए उद्यमिता व स्वरोजगार के अवसर विषय पर आयोजित एक बेबिनार में कही। उन्होंने कहा कि उद्यमिता हस्तक्षेप, विशेषकर महिला उद्यमियों को प्रोत्साहण जम्मू-कश्मीर जैसे प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार व आय के साधनों को बढ़ा सकता है।
डाॅ सहरीश ने जम्मू कश्मीर में स्वरोजगार व उद्यमिता के क्षेत्र में पढ़ी लिखी युवा महिलाओं के लिए उपलब्ध संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उच्च शिक्षित युवा आबादी की प्रतिभा और क्षमता का पता लगाने व उसका लाभ उठाने के लिए उद्यमिता को एक चैनल के रूप में देखा जाता है ।
उन्होंने महिलाओं की प्रबंधकीय और प्रशासनिक क्षमताओं के बारे में चर्चा करते उन सभी बिंदुओं पर भी रोशनी डाली जिन पर ध्यान देकर वह वित्त, कानूनी, सामाजिक पूर्वाग्रहों की चुनौतियों से पार पा सकती हैं। आज के दौर में महिलाओं को अपना नेतृत्व स्वरुप खुद तैयार करने की जरुरत है और इसलिए उनका आत्मविश्वास ही प्रमुख साधन है।
इस अवसर पर जम्मू और कश्मीर में महिला उद्यमियों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों और अवसरों पर एक पैनल चर्चा भी हुई जोकि महिला उद्यमिता को अगले स्तर पर ले जाने और और महिला उद्यमिता के भविष्य पर केंद्रित रहा।