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India China Border Issue: पूर्वी लद्दाख में जमीन मजबूत कर रही सेना, जान हथेली पर रखकर बना रहे बंकर और पुल

सेना के सेवानिवृत मेजर जनरल जीएस जम्वाल का कहना है कि सैनिकों का बुलंद हौसला भारतीय सेना की असली ताकत है। वे किसी भी प्रकार के हालात में लड़ सकते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 12:01 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 04:33 PM (IST)
India China Border Issue: पूर्वी लद्दाख में जमीन मजबूत कर रही सेना, जान हथेली पर रखकर बना रहे बंकर और पुल
India China Border Issue: पूर्वी लद्दाख में जमीन मजबूत कर रही सेना, जान हथेली पर रखकर बना रहे बंकर और पुल

जम्मू, राज्य ब्यूरो : पूर्वी लद्दाख में सीमा पार से चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए तैयार सेना अपने पांव और पक्के करने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने में जुटी है। भावी चुनौतियों का सामना करने के लिए जवान हथियारों को चुस्त दुरुस्त बनाने के साथ दिन रात बंकर निमार्ण और अस्थायी पुल बनाने का कार्य कर रहे हैं। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि वक्त आने पर पूर्वी लद्दाख में सेना के बढ़ते कदम न रुकें।

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पूर्वी लद्दाख के तनावपूर्ण माहौल में सेना के जवान अपनी-अपनी यूनिटों को मिली जिम्मेदारियों का निर्वाह करने के लिए जान की परवाह न करते हुए काम कर रहे हैं। भारतीय सेना के जवानों का यह जज्बा चीन को डरा रहा है।

पूर्वी लद्दाख के चुनौतीपूर्ण हालात में बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने में भी बहुत जोखिम है। चीनी सेना से खूनी संघर्ष में बीस जवानों के शहीद होने के बाद सेना के दो जवान पुल निमार्ण के दौरान हुए हादसे में भी जान कुर्बान कर चुके हैं। इसके बाद भी सैनिकों के हौसले में कोई कमी नहीं आई है। चीन के ठीक सामने भारतीय सेना के जवान बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के में जगे हुए हैं। युद्ध के लिए सेना की इन्फैंटरी व आम्र्ड रेजीमेंटों के साथ पूर्वी लद्दाख में सेना की इंजीनियरिंग रेजीमेंट बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाकर चीन को चुनौती दे रही हैं। गत दिनों गलवन में पुल निमार्ण के दौरान शहीद होने वाला पंजाब के पटियाला के लांस नायक सलीम खान सेना की इंजीनियरिंग रेजीमेंट के थे। खान के साथ मालेगांव के नायक सचिन विक्रम मोरे ने भी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर निमार्ण के दौरान वीरगति पाई थी।

सैनिकों का बुलंद हौसला सेना की असली ताकत: सेना के सेवानिवृत मेजर जनरल जीएस जम्वाल का कहना है कि सैनिकों का बुलंद हौसला भारतीय सेना की असली ताकत है। वे किसी भी प्रकार के हालात में लड़ सकते हैं। जम्वाल ने कहा कि भारतीय सेना के सामने जब भी कोई बड़ी चुनौती आती है तो वह किसी भी प्रकार की कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटते हैं। यही कारण है कि पूर्वी लद्दाख में इस समय मौजूद सेना की हर यूनिट अपने तरीके से दुश्मन को मिट्टी में मिलाने की तैयारी कर रही है।

घाटी में चीन के साथ जंग की अटकलें: जिला गांदरबल में सुरक्षाबलों के लिए स्कूल खाली कराने व दो माह के लिए एलपीजी भंडारण के आदेश के बाद कश्मीर में स्थानीय लोगों में अटकलबाजियों का दौर जारी है। लोग भारत-चीन के सैन्य तनाव से जोड़ते हुए कह रहे हैं कि जंग का खतरा है। भारत कोई बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। सोमवार को लोगों में सरकारी आदेशों को लेकर खूब चर्चा रही। पेट्रोल पंपों पर दिनभर भीड़ रही और लोग न सिर्फ अपने वाहनों में बल्कि कैन में पेट्रोल व डीजल लेकर जाते पंपों में जाते दिखे। सभी पंपों में भीड़ रही। राशन की दुकानों पर भीड़ रही। आसिफ नामक युवक ने कहा कि यह आदेश सामान्य नहीं हैं। बीते साल जब इस तरह के कुछ सरकारी आदेश सामने आए थे तो प्रशासन ने पहले इन्कार किया फिर कहा था कि यह आतंकवादियों के खिलाफ जारी अभियान के मद्देनजर हैं। बाद में कुछ और निकला। इसलिए कौन अब सरकार के स्पष्टीकरण पर यकीन करेगा। नासिर ने कहा कि लेह-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर गांदरबल स्थित है।

लद्दाख के हालात सभी जानते हैं। वहां तनाव बढ़ता जा रहा है। लोग मान रहे हैं कि भारत-चीन के बीच जंग हो सकती है। पहले भी अमरनाथ यात्र होती रही है, लेकिन पहले स्कूल सुरक्षाबलों के लिए खाली नहीं कराया गया है। यहां सभी चीन के खिलाफ तैयारी के दावे कर रहे हैं। लोग आशंकित और सहमे हुए हैं। बीते शनिवार गांदरबल में सीआरपीएफ जवानों के लिए प्रशासन को डेढ़ दर्जन सरकारी स्कूल उपलब्ध कराने का निर्देश जारी हुआ था। खाद्य आपूर्ति एवं जन उपभोक्ता मामले विभाग ने कश्मीर में अगले दो महीने के लिए एलपीजी प्रबंध करने का निर्देश जारी किया। दोनों आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।

ये दिया स्पष्टीकरण: प्रशासन ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि श्री अमरनाथ यात्र की सुरक्षा तैयारियों में शामिल सु़रक्षाबलों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ही स्कूल खाली कराए जा रहे हैं। इसके बाद खाद्य आपूर्ति विभाग ने भी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहाकि जुलाई-अगस्त-सितंबर के दौरान अक्सर हाईवे बंद हो जाता है। इससे वादी में जरूरी सामान की आपूर्ति प्रभावित होती है। यह फैसला 23 जून को उपराज्यपाल के सलाहकार बसीर अहमद खान के नेतृत्व में हुई बैठक में लिया था।


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