India China Border Issue : पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना की मजबूती नहीं पचा पा रहा चीन
वीके साही ने कहा कि भारतीय सेना की मजबूती से चीन की सेना हताश है। चीन का पैदल सैनिक भारतीय सेना के सामने टिक नहीं सकता है। युद्ध स्तर पर बुनियादी ढांचे व सेना की आधुनिकीकरण ने भी चीन को निराश किया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : पूर्वी लद्दाख में गलवन की घटना के बाद लगातार मजबूत होती भारतीय सेना, अमेरिकी सिग सायर 716 असाल्ट राइफल जैसे अत्याधुनिक हथियार, एक साल के भीतर लद्दाख में एलएसी तक पहुंचने के लिए 47 नये पुलों का निर्माण और बड़े विमानों के उतरने के लिए बनाई गई बेहतर एडवांस लैंडिग ग्राउंड। भारतीय सेना की इस बढ़ती ताकत को देखकर ही चीन हताश है। ऐसे में चीन को मिर्ची लगना भी स्वाभाविक है। इसी के चलते चीन अपने क्षेत्र में झंडा लहराने के वीडियो जारी कर दुष्प्रचार कर रहा है। चीन से डरने की नहीं, सचेत रहने और अपने सैनिकों का मनोबल ऊंचा बनाए रखने की जरूरत है। यह बात चीन के सामने अरुणाचल प्रदेश में तैनात रहे चुके सेवानिवृत कर्नल और वीर चक्र विजेता वीके साही ने कही।
वीके साही ने कहा कि भारतीय सेना की मजबूती से चीन की सेना हताश है। चीन का पैदल सैनिक भारतीय सेना के सामने टिक नहीं सकता है। युद्ध स्तर पर बुनियादी ढांचे व सेना की आधुनिकीकरण ने भी चीन को निराश किया है। पूर्वी लद्दाख में लगातार नई सड़कें व पुल बनाने का अभियान जारी है। ऐसे हालात में गलवन पर भ्रम फैलाने के लिए उसका फर्जी वीडियो जारी करना भी उसकी कमजोरी का संकेत है।
देशवासियों को भी भारत और भारतीय सेना के साथ मजबूती से खड़ा होकर चीन के दुष्प्रचार का जवाब देने की जरूरत है। इस समय विश्व के कई देश चीन को करारा सबक सिखाने के लिए मौके के इंतजार में हैं। वीके साही ने कहा कि भारतीय सेना ने गलवन में नए साल के स्वागत में तिरंगा लहराने का अपना वीडियो जारी कर चीन के दुष्प्रचार की हवा निकाल दी है। इस वीडियो में तिरंगे के साथ तिब्बत का ध्वज भी है। चीन ने लद्दाख के साथ लगते तिब्बत पर कब्जा कर रखा है। ऐसे में भारत में शरण लेने वाले तिब्बती युवा भी इस समय सेना की स्पेशल फ्रंटियर फोर्स में शामिल होकर पूर्वी लद्दाख में चीन से लोहा लेने को तैयार हैं।
जारी तस्वीर में भारतीय सैनिकों की तैयारी भी दिख रही है। सैनिकों ने अमेरिका से खरीदी गई सिग सायर 716 असाल्ट राइफलें पकड़ी हैं। पूर्वी लद्दाख में भरतीय सेना को बेहतर से बेहतर हथियार व उपकरण उपलब्ध करने की मुहिम के तहत कुछ समय पहले ही सेना को सिग सायर 716 असाल्ट राइफलें व स्विस एमपी-9 पिस्तौल भी दी गई थीं।
सैन्य सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना द्वारा जारी की गई तस्वीर उस पीपी 14 पोस्ट से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर है, जहां से भारतीय सेना ने चीन की आब्जर्वेशन पोस्ट को तोड़ कर उसे अपने कब्जे में ले लिया था। सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि इस समय चीन ने अपने क्षेत्र में करीब 60 हजार सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है। वहीं भारतीय सेना ने भी जवानों की संख्या बढ़ा दी है।