Target Killing In Kashmir : आतंकियों ने कश्मीर में बनाए छोटे-छोटे नए गुट, टारगेट किलिंग का जिम्मा सौंपा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 23 अक्टूबर को श्रीनगर में प्रस्तावित एकीकृत कमान की बैठक में चर्चा होगी। इस रिपोर्ट में वादी में आतंकियों और उनके समर्थकों के अलावा उनके वित्तीय व हथियार आपूर्ति के नेटवर्क के समूल नाश का रोडमैप भी पेश किया जाएगा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : सुरक्षा एजेंसियों ने बीते पखवाड़े के दौरान पूछताछ के लिए हिरासत में लिए आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों, पूर्व आतंकियों, पत्थरबाजों व अलगाववादी कार्यकर्ताओं से मिली जानकारी की समग्र रिपोर्ट पर हुई चर्चा में यह खुलासा हुआ है कि आतंकी कश्मीर में अपने कैडर का मनोबल बनाए रखने और आम लोगों में खौफ पैदा करने के लिए ही नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। इसके अनुसार आतंकी संगठनों ने सुरक्षाबलों के दबाव से बचने के लिए छोटे-छोटे नए गुट तैयार किए हैं। इन्हें सिर्फ टारगेट किलिंग या वारदात विशेष का जिम्मा सौंपा जाता है।
गैर मुस्लिमों और अन्य राज्यों के श्रमिकों की हत्याओं से उपजे हालात से निपटने और आतंकियों के समूल नाश की व्यूह रचना के लिए केंद्रीय खुफिया एजेंसियां जुट गई हैं। केंद्रीय एजेंसियों के लगभग दो दर्जन वरिष्ठ अधिकारी एक सप्ताह से कश्मीर में डेरा डाले हैं। सीआरपीएफ और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के महानिदेशक कुलदीप ङ्क्षसह भी कश्मीर में हैं। सोमवार को उन्होंने जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह से भी चर्चा की। इससे पूर्व सोमवार को केंद्रीय एजेंसियों की बैठक में तमाम हालात पर मंथन हुआ। इसके आधार पर विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि सोमवार की बैठक में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों, सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस की खुफिया विंग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। इसमें कश्मीर में एक माह के दौरान हुई आतंकी घटनाओं, विभिन्न स्रोतों से आतंकी गतिविधियों के संदर्भ में उपलब्ध सूचनाओं का आकलन किया गया। बैठक में आतंकियों और उनके मददगारों के प्रभाव वाले क्षेत्रों को भी चिह्नित किया गया।
इस रिपोर्ट पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 23 अक्टूबर को श्रीनगर में प्रस्तावित एकीकृत कमान की बैठक में चर्चा होगी। इस रिपोर्ट में वादी में आतंकियों और उनके समर्थकों के अलावा उनके वित्तीय व हथियार आपूर्ति के नेटवर्क के समूल नाश का रोडमैप भी पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह अभियान वर्ष 2017-19 तक जारी रहे सेना के आपरेशन आलआउट की अगली कड़ी रहेगा। फिलहाल, संबधित अधिकारी इसे अंतिम प्रहार के तौर पर चलाने पर मंथन कर रहे हैं। इस व्यूह रचना के लिए पुलिस में थाना स्तर तक से फीडबैक लिया जा रहा है।
श्रीनगर में पांच हत्याओं की जांच एनआइए संभालेगी: श्रीनगर में शिक्षकों समेत पांच नागरिकों की हत्या की जांच का जिम्मा एनआइए संभालने जा रही है जबकि कुलगाम और पुलवामा में श्रमिकों की हत्या की जांच जम्मू कश्मीर पुलिस के पास ही रहेगी। सूत्रों ने बताया कि पुलिस महानिदेशक दिलबाग ङ्क्षसह और एनआइए के महानिदेशक कुलदीप ङ्क्षसह व अन्य अधिकारियों के बीच मंगलवार सुबह हुई बैठक में इस पर भी चर्चा हुई। इस दौरान पांच अक्टूबर को कश्मीरी ङ्क्षहदू दवा विक्रेता मक्खन लाल ङ्क्षबदरु, बिहार के ठेले वाले विरेंद्र पासवान और टैक्सी चालक मोहम्मद शफी की हत्या और उसके बाद सात अक्टूबर को श्रीनगर के स्कूल में दो गैर मुस्लिम अध्यापकों सुपिंद्र कौर और दीपक चंद की हत्या की साजिश की जांच एनआइए को सौंपने पर सहमति बन गई। इनके अलावा कुलगाम और पुलवामा में उत्तर प्रदेश व बिहार के चार श्रमिकों और श्रीनगर में दो अक्टूबर को हुई दो नागरिक हत्याओं की जांच जम्मू कश्मीर पुलिस के पास ही रहेगी। हालांकि इस पर अंतिम फैसला गृहमंत्रालय ही लेगा। फिलहाल, एनआइए और जम्मू कश्मीर पुलिस अपने अपने स्तर पर रिपोर्ट गृहमंत्रालय को भेज रहे हैं।
यह होगी रणनीति
- आतंकियों के वित्तीय व हथियार आपूर्ति के नेटवर्क के समूल नाश की रणनीति
- आतंकियों एवं उनके सहयोगियों के प्रभाव वाले क्षेत्र होंगे चिह्नित
- पुलिस में थाना स्तर तक से लिया जा रहा है फीडबैक