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India China Border Tension: चीन को घुटनों के बल देखना चाहते हैं लद्दाखी

लद्दाख स्काउट्स के अधिकतर जवान लद्दाखी हैं। इन जवानों ने कारगिल युद्ध में अपनी वीरता का लोहा मनवाया था। सेना में शामिल ये लद्दाखी युवा भी चीन को घुटनों पर देखना चाहते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 08:54 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 11:15 AM (IST)
India China Border Tension: चीन को घुटनों के बल देखना चाहते हैं लद्दाखी
India China Border Tension: चीन को घुटनों के बल देखना चाहते हैं लद्दाखी

जम्मू, राज्य ब्यूरो। चीन की नापाक हरकत से लद्दाख के लोगों का गुस्सा है। स्थानीय लोग चाहते हैं कि उनके इलाके पर बुरी नजर रखने वाले चीन से बदला लिया जाए। लद्दाख की सुरक्षा में तैनात सेना की लद्दाख स्काउट्स के अधिकतर जवान लद्दाखी हैं। इन जवानों ने कारगिल युद्ध में अपनी वीरता का लोहा मनवाया था। सेना में शामिल ये लद्दाखी युवा भी चीन को घुटनों पर देखना चाहते हैं।

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कारगिल युद्ध में अपनी वीरता का लोहा मनवाया

पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों से हिंसक झड़पों में सेना के कर्नल समेत तीन सैन्यकर्मियों की शहादत से लोगों में गम और गुस्सा है। सेना बदला तो लद्दाख के निवासी भी चाहते हैं कि चीन को ईट का जवाब पत्थर से दिया जाए। कारगिल युद्ध के बाद यह पहली बार है जब भारतीय सेना के तीन जवान पूर्वी लद्दाख में दुश्मन देश के जवानों के मंसूबों को नाकाम करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। कारगिल युद्ध के बाद लद्दाख में कभी ऐसे हालात नहीं उपजे, जिनमें सैनिक लड़ते हुए शहीद हुए हों। लद्दाख की सुरक्षा में तैनात सेना की लद्दाख स्काउट्स के अधिकतर जवान लद्दाखी हैं। इन जवानों ने कारगिल युद्ध में अपनी वीरता का लोहा मनवाया था।

लद्दाख में तैनात जवान शहादत का बदला चाहते 

इस समय लद्दाख में तैनात जवान अपने साथियों की शहादत का बदला चाहते हैं। लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा सेना की उत्तरी कमान की चौदह कोर के पास है। हाल ही में कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंद्र सिंह चीन से बातचीत की प्रक्रिया में शामिल हुए थे। उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी कारगिल युद्ध के हीरो होने के नाते उच्च पर्वतीय इलाकों में वारफेयर के माहिर हैं। उन्हें कारगिल युद्ध में वीर चक्र मिला था।

चीन को सबक सिखाया जाए:

दोरजेलेह भाजपा के प्रधान दोरजे आंगचुक का कहना है कि हमारे फौजियों को शहीद करने वाले चीन को सबक सिखाया जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री व गृहमंत्री से अपील की है कि वे चीन को ईट का जवाब पत्थर से देकर सैनिकों की शहादत का बदला ले। उनका कहना है कि जिस तरह से 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाई गई, उसकी तरह से अब चीन को भी सबक सिखाया जाए। इसमें लेह, कारगिल जिलों के युवा पहले की तरह आगे रहेंगे। 


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