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India China Border Issue: चीन झुका तो लद्दाखियों के हौंसले को मिली परवाज, LAC पर होटल खोलने का देख रहे ख्वाब

India China Border Issue लद्दाख की खूबसूरती को चार चांद लगाने वाली पैगांग झील से सटे दूरदराज मान मेरक फोवरांग व चुशल गांवों में लोग यह उम्मीद लगाए बैठें हैं कि प्रशासन उन पर्यटन झील के करीब स्थायी ढांचा विकसित करने के लिए जमीन दे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 09:45 AM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 09:52 AM (IST)
India China Border Issue: चीन झुका तो लद्दाखियों के हौंसले को मिली परवाज, LAC पर होटल खोलने का देख रहे ख्वाब
गत माह लद्दाख का दौरा कर पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्रवाई का जायजा लिया था।

जम्मू, विवेक सिंह: भारतीय सेना के मजबूत इराधों के आगे चीन के झुकने से लद्दाख के लोगों के हौंसले को परवाज मिली है। अब लद्दाखी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर होटल खोल कर भविष्य को बेहतर बनाने के खवाब देख रहे हैं।

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पूर्वी लद्दाख में चीन से सटे इलाकों में भारतीय सेना के पांव पक्के हो जाने से लद्दाखी लोगों का भी हौंसला बुलंद हो गया है। कभी नियंत्रण रेखा पर बसे मुलबेख के लोग भविष्य को लेकर आशंकित थे। आज उनकी पूरी कोशिश है कि पर्यटन से लद्दाख अर्थ व्यवस्था को बेहतर बनाने की मुहिम में उन्हें भी उनका हिस्सा मिले।

लद्दाख की खूबसूरती को चार चांद लगाने वाली पैगांग झील से सटे दूरदराज मान, मेरक, फोवरांग व चुशल गांवों में लोग यह उम्मीद लगाए बैठें हैं कि प्रशासन उन पर्यटन झील के करीब स्थायी ढांचा विकसित करने के लिए जमीन दे। पैगांग झील का एक हिस्सा भारतीय क्षेत्र काे दूसरा हिस्सा चीन के इलाके में है। गांवों के निवासियों के प्रतिनिधिमंडल यह मुद्दा उपराज्यपाल प्रशासन से भी उठा चुके हैं। यह इलाका वन्य जीव संरक्षण क्षेत्र का हिस्सा है। ऐसे में लोगों की मांग है कि वाइल्ड लाइफ के कानूनों में संशोधन कर उन्हें पर्यटन के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने की अनुमित दी जाए।

इस मुद्दे पर उपराज्यपाल आरके माथुर से मिल चुके चुशुल के काउंसिलर कुंचोक स्टेंजिन का कहना है कि हमने आग्रह किया है कि पैंगांग झील के पास के इलाकों को डी नोटिफाई किया जाए ताकि लोग वहां पर पर्यटन के लिए बुनियादी ढांचा विकसित कर सकें। वास्त्विक नियंत्रण रेखा पर बसे लद्दाखी सादी वर्दी में सिपाही हैं, ऐसे में सरकार काे उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सहयोग देना चाहिए। हमने आंग्रह किया है कि इन लोगों को जमीन देने की कार्रवाई तेज करने में उपराज्यपाल हस्तक्षेप करें।

पैंगांग के पास नही है पर्यटन का स्थायी बुनियादी ढांचा: लद्दाख की विश्व प्रसिद्ध् पैंगांग झील के पास नही है पर्यटको ठहराने के लिए थायी बुनियादी ढांचा नही हैं। झील के पास पर्यटकों के लिए टैंट लगाकर उन्हें ठहराया जाता है। ऐसे में स्थानीय लोगों को स्थायी बुनियादी ढांचा बनाने की इजाजत देने की मांग पुरानी है। अब लद्दाख कें केंद्र शासित प्रदेश बनने से लोगों का हौंसला बुलंद है। वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब होने के कारण पर्यटकों को झील के मान, मेरक गांवों के पास तक ही जाने की इजाजत है। उन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में जाने की इजाजत नही है।

केंद्र दे रहा है लद्दाख के पर्यटन को पूरा महत्व: केंद्र सरकार लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देकर क्षेत्र के निवासियों की तकदीर बदलने में पूरा सहयोग दे रहा है। लेह व कारगिल जिलों में एडवेंचर टूरिस्म को बढ़ावा देने की मुहिम जारी है। ऐसे में पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी लद्दाख प्रशासन के साथ मिलकर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने गत माह लद्दाख का दौरा कर पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्रवाई का जायजा लिया था।


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