आयकर विभाग के कर्मियों को बरी किया
जेएनएफ, जम्मू : आयकर दाताओं के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोल उनके रुपये हड़पने के आरोपी
जेएनएफ, जम्मू : आयकर दाताओं के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोल उनके रुपये हड़पने के आरोपी आयकर विभाग के कर्मियों की सजा एक तरफ रखते हुए कोर्ट ने सबको बरी कर दिया है।
आयकर विभाग के 10 कर्मियों जिनमें डिवीजन क्लर्क सीआईटी जम्मू सुदर्शन कुमार, किशोर शर्मा, आरएस मेहता, सोहन ¨सह, राजेश कुमार शर्मा, तिलक राज शर्मा, राज कुमार डोगरा, अमित पाल ¨सह, शेखर धर और तुलसी ठाकुर के खिलाफ सीबीआइ ने मामला दर्ज किया था और उनके खिलाफ सीबीआइ कोर्ट में चालान पेश किया था।
आरोपियों ने निचली अदालत सीबीआइ कोर्ट के फैसले को चुनौती देती याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट सुनील सेठी और एडवोकेट वीनू गुप्ता पेश हुए। उन्होंने निचली अदालत की दलीलों को चुनौती देते हुए फैसले खारिज करने की मांग की। आरोपित कर्मियों के खिलाफ सीबीआइ ने आयकर दाताओं के नाम पर जारी चेक का फर्जीवाड़ा कर करीब 1,57,988 रुपयों का गबन का आरोप था। सीबीआइ के अनुसार आरोपितों ने वर्ष 2002-03 के बीच फर्जी बैंक अकाउंट खुलवा कर इन चेकों का भुगतान करवाया जो टैक्स रिफंड के नाम पर आयकर दाताओं के नाम पर जारी हुए थे। आरोपित कमिश्नर इनकम टैक्स ऑफिस जम्मू में कार्यरत थे। सीबीआइ का दावा था कि जांच में उन पर लगे आरोप सही साबित हुए। वहीं जस्टिस एमके हंजुरा ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि सीबीआइ ने आरोपितों की लिखाई के नमूने लोगों के सामने लिए जबकि ऐसा कोर्ट की कार्रवाई के दौरान कोर्ट के निर्देश पर किया जाना चाहिए था। अगर कोर्ट में मामला विचाराधीन न भी हो तो ऐसा सिर्फ मजिस्ट्रेट या किसी गजटेड ऑफिसर के सामने किया जा सकता था, जो सीबीआइ ने नहीं किया। ऐसा न कर सीबीआइ ने मामले को कमजोर कर दिया। जस्टिस हंजूरा ने आरोपितों के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद उन्हें बरी कर दिया।