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Corona Guidelines In Jammu Kashmir : कोरोना को देखते हुए वर्दियों के पैसे सीधे बच्चों के खाते में डाले जाएंगे

स्कूलों में इस समय आनलाइन कक्षाएं चल रही है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को वर्दियां पुस्तकें मिड डे मील का प्रावधान है। पिछले साल कोरोना के कारण जब हालात काफी खराब थे तो उस समय बच्चों को उनके घरों तक पुस्तकें असाइनमेंट पहुंचाई गई थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 02:00 PM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 02:00 PM (IST)
Corona Guidelines In Jammu Kashmir : कोरोना को देखते हुए वर्दियों के पैसे सीधे बच्चों के खाते में डाले जाएंगे
अठारह साल से कम आयु के लिए वैक्सीनेशन नहीं हो रही है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: कोरोना से उपजे हालात को देखते हुए अकादमिक सत्र 2021-22 के दौरान भी स्कूली बच्चों को वर्दियों के नकद पैसे मिलेंगे। वर्दी के छह सौ रुपये बच्चों या उनके अभिभावकों के खातों में डाले जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

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समग्र शिक्षा के नियमों अनुसार सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाली लड़कियों, अनुसूचित जाति, जनजाति और बीपीएल विद्यार्थियों को वर्दी के पैसे मिलेंगे। शिक्षा अधिकार कानून के तहत बच्चों को निशुल्क वर्दियां उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। कोरोना के कारण जम्मू कश्मीर में अगले आदेश तक सभी शिक्षण संस्थान बंद है। शिक्षण संस्थानों को खोलने को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं है।

पिछले साल भी मिड डे मील के राशन, खाने बनाने की लागत, वर्दियों के पैसे सीधे बच्चों या उनके अभिभावकों के खाते में डाले गए थे। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव बीके सिंह ने आदेश जारी कर समग्र शिक्षा के प्रोजेक्ट निदेशक से कहा है कि वर्दियों की धनराशि जल्द ही मुख्य शिक्षा अधिकारियों, जोनल शिक्षा अधिकारियों, शिक्षण संस्थानों के अध्यक्षों को जारी की जाए ताकि बच्चों के खाते में पैसे डाले जाएं।

स्कूलों में इस समय आनलाइन कक्षाएं चल रही है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को वर्दियां, पुस्तकें, मिड डे मील का प्रावधान है। पिछले साल कोरोना के कारण जब हालात काफी खराब थे तो उस समय बच्चों को उनके घरों तक पुस्तकें असाइनमेंट पहुंचाई गई थी। दूरदराज के इलाकों में तो विशेष अभियान चलाया गया था। मिड डे मील योजना के राशन के पैसे इस बार भी सीधे खातों में डाले जाएंगे।

स्कूल खुलने की संभावना इसलिए नहीं है क्योंकि अठारह साल से कम आयु के लिए वैक्सीनेशन नहीं हो रही है। सरकार की कोशिश उच्च शिक्षण संस्थानों को पहले खोलने पर विचार कर रहा है और अठारह साल से अधिक की आयु के बच्चों की वैक्सीनेशन की जा रही है। 


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