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J&K: पुलवामा शहीदों की याद में सीआरपीएफ सेक्टरों व राजभवन में नहीं उड़े होली के गुलाल

जम्मू सेक्टर की डीआईजी नीतू ने दैनिक जागरण को बताया कि हम उन शहीदों की याद में होली नहीं मना रहे हैं जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 21 Mar 2019 01:49 PM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2019 01:49 PM (IST)
J&K: पुलवामा शहीदों की याद में सीआरपीएफ सेक्टरों व राजभवन में नहीं उड़े होली के गुलाल
J&K: पुलवामा शहीदों की याद में सीआरपीएफ सेक्टरों व राजभवन में नहीं उड़े होली के गुलाल

जम्मू, जेएनएन। पुलवामा आत्मघाती हमले में शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवानों की याद में जम्मू और कश्मीर के सीआरपीएफ सेक्टरों व राजभवन में न तो होली के गुलाल उड़े और न ही कोई समारोह मनाया गया। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने फरवरी में लिथपोरा पुलवामा में शहीद हुए जवानों की शहादत के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करते हुए ही होली नहीं मनाने का फैसला किया है।

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राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि होली त्योहार से संबंधित आज कोई सरकारी समारोह नहीं हुआ। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने फैसला किया है कि वह इस साल शहीदों की याद में किसी तरह का होली समारोह नहीं मनाएंगे। अलबत्ता उन्होंने अपने संदेश में कहा कि होली का त्योहार आपसी प्रेम, भाईचारे और स्नेह की भावना को मजबूत करता है। नवरोज और होली पर्व राज्य के लोगों के लिए शांति, खुशी और समृद्धि लाए, लेकिन इस बार राजभवन में यह समारोह नहीं मनाया जाएगा।

वहीं जम्मू और श्रीनगर सेक्टर में सीआरपीएफ के अधिकारियों और जवानों ने भी आज होली नहीं मनाई। जम्मू सेक्टर की डीआईजी नीतू ने दैनिक जागरण को बताया कि हम उन शहीदों की याद में होली नहीं मना रहे हैं जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस दुख की घड़ी में सीआरपीएफ का प्रत्येक अधिकारी व जवान शहीदों के परिजनों के साथ खड़ा है। सनद रहे कि राजभवन और सीआरपीएफ के जम्मू व कश्मीर सेक्टरों में हर साल होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। होली मिलन समारोह भी होता है। राजभवन में आयोजित समारोह में जहां राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह, राजनीतिक लोग और गणमान्य नागरिकों समेत समाज के विभिन्न वर्गो के लोग शामिल होते हैं। वहीं सीआरपीएफ कैंपों में इस पर्व पर आयोजित होने वाले समारोह में अधिकारी ही नहीं जवान के परिजन भी समलित होते हैं। आज के दिन कैंपों में जश्न का माहौल रहता है।

सनद रहे कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के वाहनों के काफिले पर पुलवामा जिले के लिथपोरा में आत्मघाती हमलावर ने हमला किया था। हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवान शहीद हो गए थे। यह जम्मू-कश्मीर में अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था जिसमें इतनी संख्या में जवान शहीद हो गए।


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