Poonch Encounter : 13 साल में आतंकियों के खिलाफ अब तक का सबसे लंबा सैन्य आपरेशन जारी
Poonch Encounter आपरेशन की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाल में सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे भी भाटाधुलियां में मुठभेड़ स्थल का दौरा कर सैन्य अधिकारियों को आतंकियों का जल्द खत्मा कर मुठभेड़ खत्म करने का आदेश दे चुके हैं।
राजौरी, जागरण संवाददाता : पुंछ जिले के जंगलों में आतंकियों के खिलाफ चल रहा सैन्य अभियान बुधवार को 10वें दिन भी जारी रहा। जिले में पिछले 13 साल में यह अब तक का सबसे लंबा आपरेशन है। इससे पहले उपजिला मेंढर के भाटाधार जंगल में वर्ष 2008 को सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ के बाद लगभग 15 दिन तक आपरेशन चला था। इसमें सेना के चार जवान शहीद हुए थे, जबकि कोई भी आतंकी नहीं मारा गया था।
पुंछ के चरमेड और भाटाधुलियां के जंगलों में छिपे आतंकियों को मार गिराने के लिए सेना व अन्य सुरक्षाबलों ने पूरी ताक झोंक रखी है। पैरा कमांडो उतारने के साथ हेलीकाप्टर से भी निगरानी की जा रही है। जंगल बेहद घना होने के कारण आपरेशन में समय लग रहा है। बुधवार सुबह भी सेना व पुलिस के उच्चाधिकारियों ने एक रणनीति तैयार की। इसके बाद जवान पांच किलोमीटर फैले जंगल में दाखिल हुए।
सूत्रों के अनुसार, जवान आधे जंगल तक पहुंच चुके हैं, लेकिन अभी तक न तो किसी आतंकी का शव बरामद हुआ है और न ही कोई सुराग हाथ लगा है। सूत्रों के अनुसार, वीरवार दोपहर शाम तक पूरे जंगल की तलाशी पूरी हो जाएगी। फिलहाल, पुिलस व सेना के अधिकारी पूरे अभियान पर नजर रखे हुए हैं। इस बीच, भिंबर गली से जड़ा वाली गली तक सातवें दिन भी जम्मू-पुंछ हाईवे एहतियातन बंद रखा गया। वाहनों को वाया मेंढर से पुंछ के लिए भेजा जा रहा है।
सेनाध्यक्ष भी दौरा कर जारी कर चुके निर्देश : आपरेशन की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाल में सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे भी भाटाधुलियां में मुठभेड़ स्थल का दौरा कर सैन्य अधिकारियों को आतंकियों का जल्द खत्मा कर मुठभेड़ खत्म करने का आदेश दे चुके हैं।
आतंकियों के जंगल में गुफाओं में छिपे होने की आशंका : पुंछ जिले में पहले भी कई मुठभेड़ हो चुकी हैं, लेकिन पिछले 13 साल में यह अब तक का सबसे लंबा आपरेशन बताया जा रहा है। जंगल काफी बड़ा और घना है। आशंका जताई जा रही है कि आतंकियों ने जंगल के अंदर या तो पक्के बंकर बना लिए हैं या (ढोक) गुफाओं में छिपे बैठे हैं। उनके पास हथियारों के अलावा खाने-पीने का सामान भी बड़ी मात्रा में हो सकता है। ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि आतंकी भाग चुके हों, लेकिन सेना ने पूरे इलाकों को घेर रखा है। सेना ने आसपास के लोगों को भी जंगल की ओर जाने से मना किया है। पुलिस ने जंगल के पास रहने वाले कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी शुरू की है। इससे पहले भी पुलिस ने मां बेटे सहित सात लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।
साथ सटे राजौरी जिले में 20 दिन चला था आपरेशन : पुंछ जिले के साथ सटे राजौरी जिले के खैड़ी गांव में भी दो वर्ष पहले सेना और आतंकियों के साथ मुठभेड़ के बाद लगभग 20 दिन तक आपरेशन चला था, लेकिन कोई भी आतंकी नहीं मारा गया था। मुठभेड़ में सेना के दो जवान शहीद हुए थे।