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Poonch Encounter : पुंंछ मुठभेड़ में सेना का एक जवान घायल, अभियान में शामिल हैं 3000 जवान

Poonch Encounter तीन हजार से अधिक जवान जंगल के भीतर और बाहर अभियान में जुटे हैं। सभी का बस एक ही लक्ष्य है अपने साथी जवानों की हत्या का बदला लेना। स्थानीय लोगों ने कहा कि कई जगहों से आग की लपटें और धुआं उठ रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 07:48 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 01:11 PM (IST)
Poonch Encounter : पुंंछ मुठभेड़ में सेना का एक जवान घायल, अभियान में शामिल हैं 3000 जवान
जवान आतंकियों के उस ठिकाने तक पहुंचकर ही आखिरी कार्रवाई को अंजाम देंगे।

भाटाधुलियां (पुंछ), गगन कोहली : पुंछ में 46 घंटों बाद भाटाधुलियां जंगल में सुरक्षाबलों व आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। दोनों ओर से सुबह से जारी गोलीबारी में सेना के एक जवान के घायल होने की सूचना है। जंगल घना होने की वजह से सेना के जवान आतंकियों को सीधे तौर पर देख नहीं पा रही है। सुबह से शुरू हुआ गोलीबारी का सिलसिला लगातार जारी है। जंगल के साथ लगते इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि मुठभेड़ में दोनों ओर से बड़े-बड़े हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुबह से ही वे बम धमकों की आवाजें सुन रहे हैं। घायल जवान को इलाज के लिए अस्पताल भर्ती कराया गया है।

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पुंछ में भाटाधुलियां जंगल में छिपे आतंकियों का समूल नाश के लिए सेना के 3000 से अधिक जवान दिन-रात डटे हैं। जंगल के बाहरी इलाके को घेरकर जवान भीतर दाखिल होकर आगे बढ़ रहे हैं। अभी तक आतंकियों को कोई भी सुराग नहीं मिला है। आतंकियों का सफाया किए बिना जवान लौटने वाले नहीं हैं। 46 घंटों बाद सुरक्षाबलों और आतंकवादियोें के बीच गोलीबारी का सिलसिला फिर शुरू हो गया है।

पुंछ के चमरेड़ और भाटाधुलियां के जंगल में आतंकियों की तलाश में पिछले 11 दिन से तलाशी अभियान चल रहा है। इस दौरान मुठभेड़ में सेना के नौ जवान शहीद हो चुके हैं। इनमें से पांच जवान चमरेड़ और चार भाटाधुलियां के जंगल में बलिदान हुए हैं। इसके बाद से अब तक आतंकियों का कहीं पता नहीं चला है। जंगल काफी घना है। एहतियात बरतते हुए जवान आगे बढ़ रहे हैं।

तीन हजार से अधिक जवान जंगल के भीतर और बाहर अभियान में जुटे हैं। सभी का बस एक ही लक्ष्य है, अपने साथी जवानों की हत्या का बदला लेना। स्थानीय लोगों ने कहा कि कई जगहों से आग की लपटें और धुआं उठ रहा है। अनुमान है कि सेना के जवान जंगल के अंदर बने आतंकी ठिकानों के करीब पहुंच रहे हैं और इन्हें नष्ट कर आगे बढ़ रहे हैं।

आतंकियों के मूल ठिकाने तक पहुंचने की कोशिश में सेना : भाटाधळ्लियां के घने जंगल में भले ही अभी आतंकियों का कुछ पता नहीं चला हो, लेकिन सूत्रों का कहना है कि दो आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। हो सकता है कि जंगल में आतंकियों ने अपना कोई ठिकाना बना रखा हो। सूत्रों का कहना है कि जंगल में कुछ और आतंकी भी हो सकते हैं। जंगल के अंदर जवान दाखिल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उस जगह तक नहीं पहुंच पाए हैं, जहां आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। इसलिए जवान आतंकियों के उस ठिकाने तक पहुंचकर ही आखिरी कार्रवाई को अंजाम देंगे। इसके बाद इस आपरेशन को खत्म कर दिया जाएगा।

हाईवे अभी बंद : दिन-ब-दिन लंबे हो रहे इस सर्च आपरेशन को देखते हुए स्थानीय लोगों में भी डर का माहौल बना हुआ है। पिछले आठ दिनों से भिंबर गली से लेकर जड़ा वाली गली तक हाईवे को बंद रखा हुआ है।

सेना की तस्वीरें ले रहा युवक हिरासत में : सुरक्षा बलों ने वीरवार दोपहर को पुंछ जिले में मेंढर के भिंबर गली इलाके में महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रतिष्ठानों के पास से एक युवक को हिरासत में लिया है। यह युवक सैन्य स्थल और आतंकी मुठभेड़ की कवरेज के लिए पहुंचे मीडिया कर्मियों के वाहनों की तस्वीरें ले रहा था। उसे मेंढर थाने में लाया गया है। उसके मोबाइल में पाकिस्तान के कई नंबर मिले हैं। पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने मोबाइल को भी जब्त कर लिया है। पुलिस, सेना और खुफिया एजेंसियों की टीम युवक से पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि यह युवक पहले भी संदिग्ध गतिविधियों में पकड़ा जा चुका है। तब कुछ दिन हिरासत में रखने के बाद उसे छोड़ दिया गया था।

सावलाकोट जंगल में पेड़ की शाखा में बांधी गई आइईडी बरामद : सेना ने आंतकियों की नापाक हरकत को नाकाम कर पुंछ जिले के रतनपीर रिज के सावलाकोट के जंगली इलाके से आइईडी बरामद कर बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। मौके पर पहुंचे बम निरोधक दस्ते ने आइईडी निष्क्रिय की। जवान इलाके के आसपास क्षेत्र को घेर कर तलाशी अभियान छेड़े हुए हैं। जानकारी के अनुसार सेना का गश्ती दल रतनपीर रिज के सावलकोट के जंगली क्षेत्र में गश्त पर था। जवानों की नजर पेड़ पर पड़ी। पेड़ की शाखा में आइईडी को देख बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया। इलाके की घेराबंदी की गई। दस्ते ने आइईडी को निष्क्रिय करके बड़े हादसे को टाल दिया। जिले में मेंढर के भाटाधुलियां जंगल में आतंकी छिपे होने के बाद से आसपास सटे सभी जंगलों को सेना के जवान खंगाल रहे हैं। 


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