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Militancy In Jammu Kashmir: घुसपैठ की फिराक में 200 से अधिक आतंकी, बड़े हमलों की साजिश

Militancy In Jammu Kashmir गुलाम कश्मीर में कई आतंकी प्रशिक्षण शिविर फिर से आरंभ हो चुके हैं। भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कई शिविर बंद हो चुके थे। इन शिविरों में आतंकियों की फौज को तैयार किया जा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 08:18 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 09:51 AM (IST)
Militancy In Jammu Kashmir: घुसपैठ की फिराक में 200 से अधिक आतंकी, बड़े हमलों की साजिश
ये आतंकी इस समय पाक सेना की अग्रिम चौकियों में डेरा डाले हुए हैं।

राजौरी, गगन कोहली: जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए पाक सेना अब प्रशिक्षित आतंकियों को भारत में धकेलने की कोशिश कर रही है। नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार 200 से अधिक आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं। वहीं गुलाम कश्मीर में आतंकी शिविरों में गुमराह युवाओं को तेजी से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कश्मीर में आतंकरोधी अभियान तेज होने के बाद पाकिस्तान अब घुसपैठ राजौरी-पुंछ से करवाने के लगातार प्रयास कर रहा है।

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29 जून को राजौरी के सुंदरबनी सेक्टर के दादल से आतंकवादियों का एक दल भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुआ। आठ जुलाई को घुसपैठ करके भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुए आतंकियों की सेना के जवानों की मुठभेड़ हुई, जिसमें दो पाक आतंकी मारे गए। सेना के दो जवान भी शहीद हो गए। दो दिन पहले नौशहरा के कलाल क्षेत्र से घुसपैठ का प्रयास हुआ। भारतीय क्षेत्र के 300 मीटर अंदर आ चुके एक आतंकी को सेना के जवानों ने ढेर कर दिया। इस कार्रवाई में दो जवान घायल हो गए थे।

पाक सेना की अग्रिम चौकियों में डेरा डाले हैं आतंकी : सूत्रों का कहना है कि सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में बड़े हमलों की साजिश रची जा रही है। इसके लिए प्रशिक्षत 200 से अधिक आतंकी भारतीय क्षेत्र में घुसने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठे हैं। ये आतंकी इस समय पाक सेना की अग्रिम चौकियों में डेरा डाले हुए हैं।

सूत्रों का कहना है कि गुलाम कश्मीर में कई आतंकी प्रशिक्षण शिविर फिर से आरंभ हो चुके हैं। भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कई शिविर बंद हो चुके थे। इन शिविरों में आतंकियों की फौज को तैयार किया जा रहा है। इन शिविरों में पाक सेना के अधिकारी व आतंकी संगठनों के आका समय-समय पर दौरा करके युवाओं को दिए जा रहे प्रशिक्षण की निगरानी कर रहे हैं। 

आपको जानकारी हो कि भारतीय खुफिया एजेंसी इन प्रशिक्षण शिविरों के बारे में पहले ही रक्षा मंत्रालय को सचेत कर चुकी है। खतरे वाली बात यह है कि गुलाम कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में 25 से अधिक चल रहे इन प्रशिक्षण शिविरों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ और सेना की मदद से आतंकियों को रॉकेट लांचर व ड्रोन चलाना सिखाया जा रहा है।


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