Republic Day 2020: नए जम्मू-कश्मीर में दिखा गणतंत्र का दम, तिरंगा फहराने को हर कोई था उत्सुक
अब पूरे देश में एक निशान-एक संविधान लागू हो चुका है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ केंद्र शासित लद्दाख में भी पहले गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर चारों ओर उल्लास का माहौल दिखा।
जम्मू, जेएनएन। अनुच्छेद 370 की बेड़ियां हटने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद नए जम्मू-कश्मीर में गणतंत्र दिवस के मायने कुछ खास नजर आए। जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम में आयोजित ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने के लिए वीवीआईपी ही नहीं बल्कि शहर के आम नागरिक भी बड़ी संख्या में पहुंचे। पूरा स्टेडियम लोगों से खचाखच भरा हुअा था। जम्मू-कश्मीर का सही मायनों में देश के साथ विलय होने के बाद पहली बार मनाए जा रहे गणतंत्र दिवस समारोह का हर कोई गवाह बनना चाहता था। हालांकि मौलाना आजाद स्टेडियम में समारोह को यादगार बनाने के लिए प्रशासन ने भी खासी तैयारी कर रखी थी।
जम्मू में ही नहीं बल्कि श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम को भी खास तरह से सजाया गया था। सरकारी तंत्र ही नहीं केंद्र शासित प्रदेश के नागरिक बने यहां के लोगों ने भी हर चौराहे और ऐतिहासिक स्थलों पर बड़े गर्व के साथ तिरंगा फहराया।
अब पूरे देश में एक निशान-एक संविधान लागू हो चुका है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ केंद्र शासित लद्दाख में भी पहले गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर चारों ओर उल्लास का माहौल दिखा। हालांकि पहले भी यहां पर तिरंगा ही फहराया जाता था, लेकिन जम्मू-कश्मीर के अपने संविधान और झंडे की विशेष उपस्थिति रहती थी। लेकिन 31 अक्टूबर के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पूरी तरह भारतीय संविधान प्रभावी है।
पहली बार जम्मू-कश्मीर में गणतंत्र दिवस पर एक विधान, एक निशान, एक प्रधान का नारा बुलंद हुआ। लगा कि देश भक्ति की भावना दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों में मजबूत हुई है। सभी सरकारी इमारतें, मुबारक मंडी, बाहु फोर्ट के साथ कई निजी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहे हैं और रंग-बिरंगी रोशनी से नहाई हुई हैं।
जम्मू में मौलाना आजाद स्टेडियम में उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। वहीं श्रीनगर में उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम जबकि लेह में पोलो मैदान में आयोजित गणतंत्र समारोह में उपराज्यपाल आरके माथुर ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यही नहीं राष्ट्रीय पर्व पर शहरों के साथ गांवों में भी तिरंगों की धूम रही। सभी 307 बीडीओ कार्यालयों में ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चेयरमैनों ने तिरंगा फहराया। जम्मू-कश्मीर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चेयरमैनों ने भी सलामी ली।
यहीं बस नहीं गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में शामिल होने वाले जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और अन्य सुरक्षाबलों के जवान भी काफी उत्सुक दिखे। स्कूली बच्चों और कलाकारों का जोश भी देखने वाला था। सभी ने पूरी तैयारी और दमखम के साथ अपनी प्रस्तुति दी। जैकलाई के कमांडिग ऑफिसर कर्नल राजेश परेड कमांडर थे। कुल मिलाकर 26 जनवरी पर पूरे जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की एक नई तस्वीर देखने को मिली।