जम्मू : कोरोना संक्रमण विस्फोट के बीच मरीजों का इलाज, स्वस्थ्य कर्मचारी वापस लौट संभाल रहे कमान
इमरजेंसी के प्रभारी डा. भारत भूषण का कहना है कि कुछ स्टाफ संक्रमित जरूर आ रहा है लेकिन स्वस्थ होेकर वापस भी ज्वाइन कर रहे हें। इस कारण अधिक फर्क नहीं पड़ा है। इमरजेंसी में मरीजों को हर संभव सुविधा दी जा रही है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ बेशक संक्रमित ओ रहे हैं लेकिन सीमित संसाधनों के साथ अस्पतालों को चलाया जा रहा है। कुछ विभागों में स्टाफ की कमी के कारण आपरेशन जरूर टाले गए लेकिन ओपीडी और वाडों में मरीजों को परेशानी न आए, इसके लिए पूरा ख्याल रखा जा रहा है। संक्रमण से ठीक होकर वापस आ रहे डाक्टर व पैरामेडथ्कल स्टाफ भी डयूटी दे रहे हैं। वहीं अस्पतालों में अब एमबीबीएस विद्यार्थियों और पैरामेडिकल स्टाफ की मदद लेने की भी तैयारी चल रही है।
राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू व सहायक अस्पतालों के अलावा डीआरडीओ अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर के कारण 26 फैकल्टी सदस्यों सहित 448 स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित आए है। रूटीन की सर्जरी पहले से ही बंद होने के कारण अस्पतालों पर थोड़ा दबाव जरूर कम हुआ है लेकिन इमरजेंसी सेवाएं चलती रहें, इसके लिए पूरा ध्यान रखा जा रहा है। आर्थोपैडिक्स विभाग में मंगलवार को आठ सर्जरी होनी थी लेकिन अचानक चार और कर्मचारियों के संक्रमित होने के बाद दो ही सर्जरी हो पाई। अन्य को स्थगित कर दिया गया।
विभाग के दो फैकल्टी सदस्य, तीन रेजीडेंट डाक्टर और छह पीजी डाक्टर संक्रमित हैं। वहीं मौजूद अन्य डाक्टर ओपीडी भी चला रहे हैं। एक दिन पहले सौ के करीब मरीजों ने ओपीडी में जांच करवाई थी लेकिन मंगलवार कोे ओपीडी कम थी। विभाग के एचओडी डा. संजीव गुप्ता का कहना है कि प्रयास है कि ओपीडी भी चलती रहे और इमरजेंसी में होने वाली सर्जरी भी। मंगलवार को पहली बार कुछ सर्जरी स्थगित की गईं।
सर्जरी विभाग में भी इसी तरह के हालात हैं। विभाग में तीन डाक्टर संक्रमित हैं। लेकिन सर्जरी चल रही हैं। रूटीन में होने वाली सर्जरी पहले से ही स्थगित हैं। लेकिन इमरजेंसी में होने वाली सर्जरी स्टाफ की कमी के बावजूद जारी है। वहीं ओपीडी में भी मरीजों की भारी कमी आई है। मंगलवार को भी चालीस के करीब मरीजों ने ही ओपीडी में जांच करवाई। हालांकि इमरजेंसी में अभी भी सर्जरी के पच्चीस से तीस मामले हर दिन आ रहे हैं। सर्जरी के वार्ड नंबर चार और पांच में 62 बिस्तरों में से 34 पर ही मरीज भर्ती हैं। कोविड प्रोटोकाल के तहत एक बेड को बीच में खाली रखा गया है। यूनिट प्रभारी डा. संजय भसीन का कहना है कि पहले से मरीजों की संख्या थोड़ी कम हुई है। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण परेशानी है। मौजूदा स्टाफ दिन रात काम कर रहा है।
मेडिसिन विभाग में भी ओपीडी में कमी आई है। मरीजों के भर्ती होने वालों की संख्या भी कम है। डाक्टरों का कहना है कि कुछ मरीजों में कोविड को लेकर दहशत भी है लेकिन सभी ओपीडी में डाक्टर मौजूद हैं। मरीज कम आने के कारण भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी कमी आई है।
जीएमसी की इमरजेंसी में पहले की तरह ही मरीजों की भीड़ है। हालांकि सामान्य दिनों की अपेक्षा दस से बीस फीसद मरीज जरूर कम हुए हैं। लेकिन अभी भी औसतन चार से पांच सौ मरीज इमरजेंसी में आ रहे हैं। इमरजेंसी के प्रभारी डा. भारत भूषण का कहना है कि कुछ स्टाफ संक्रमित जरूर आ रहा है लेकिन स्वस्थ होेकर वापस भी ज्वाइन कर रहे हें। इस कारण अधिक फर्क नहीं पड़ा है। इमरजेंसी में मरीजों को हर संभव सुविधा दी जा रही है।
वहीं एसएमजीएस अस्पताल में पहले की तरह ही मरीजों की भीड़ है। गायनाकालोजी विभाग और बाल रोग विभाग में जांच करवाने के लिए मरीजों की भीड़ है। हर दिन इन दोनों विभागों में ही दो सौ से अधिक बच्चे व महिलाएं जांच करवाने के लिए आ रहे हैं। हालांकि रूटीन में होने चाली सर्जरी बंद हें। दोनों ही विभागों में चालीस डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के कर्मचारी अभी तक संक्रमित हो चुके हैं। लेकिन बहुत से कर्मचारी ठीक होने के बाद वापस भी आ गए हैं।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के संक्रमित होने के कारण प्रशासनिक कार्य उप चिकित्सा अधीक्षक डा.राकेश शर्मा ने संभाला हुआ है। उनका कहना है कि सिर्फ रूटीन में होने वाली सर्जरी ही बंद करनी पड़ी है। अन्य काम पूरी तरह से सामान्य चल रहा है। बहुत से संक्रमित कर्मचारी वापस लौट रहे हैं। संक्रमित होने वाले कर्मचारी पांच दिनों में ठीक हो रहे हैं। इस कारण अधिक असर नहीं पड़ा है।
अस्पतालों में सभी सेवाएं पहले की तरह ही जारी : राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू की प्रिंसिपल डा. शशि सूदन का कहना है कि जीएमसी और सहायक अस्पतालों में तीसरी लहर में डाक्टर व स्टाफ कर्मी संक्रमित आए हैं। बहुत से कर्मचारी फिर से स्वस्थ होकर वापस आ रहे हैं। जो भी स्टाफ मौजूद है। वह पूरी मेहनतके साथ काम कर रहा है। रूटीन में होने वाली सर्जरी को छोड़ दें तो सभी सेवाएं पहले की तरह ही जारी हैं। ओपीडी में भी मरीज पहले की तरह आ रहे हैं। सरकार ने एमबीबीएस अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के अलावा पैरामेडिकल विद्यार्थियों व आयुष डाक्टरों की सेवाएं लेने के लिए कहा है। उनकी सूची बनाई जा रही है। जरूरत पड़ी तो उनकी सेवाएं भी ली जाएंगी।