Jammu: छत पर भी बन सकता है सब्जियों का बगीचा, लोगों में बढ़ रहा रूझान
उनका कहना है कि शहर में लोगों के पास भले ही जमीन कम हो लेकिन सब्जियां फल फूल लगाने का जज्बा होना चाहिए। अगर यह जज्बा है तो घर की छत को गार्डन में बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि घर पड़े खाली डिब्बों का उन्होंने सद् उपयोग किया।
जम्मू, जागरण संवाददाता: शहर में छत पर सब्जियां उगाने का प्रचलन लोगों में दिन प्रतिदिन गहरा होता जा रहा है। भले ही अधिकतर लाेगों के घरों के प्रांगण में गार्डनिंग के लिए अतिरिक्त जगह नही। ऐसे में यह लोग अपने घर की छत पर बगीचा बनाकर सब्जियों की पैदावार ले रहे हैं।
कुछ लोगों ने तो बड़ी ही युक्त लगाकर छत पर गार्डनिंग की है और सब्जियां उगाकर दूसरे लोगो को हैरान किया है। पालक, धनिया, गांठ गोभी, पाेदीना तो गमलों में उगा ही रहे हैं मगर साथ ही बड़े बर्तन का जुगाड़ कर भिंडी भी लगाई जा रही है। गर्मियों में कई लोग तो घरों में भी भिंडी के पौधे लगाकर सब्जी जुटा लेते हैं।
गंग्याल में रहने वाले जगमोहन, वैसे तो सरकारी नौकरी पर हैं और कई कई दिन घर से बाहर रहते हैं। लेकिन उनके घर की छत पर कई तरह की सब्जियां और फल गमलों या बड़े बर्तनों में तैयार हो रहे हैं। यहां तक कि टमाटर का उन्होंने पूरा बगीचा ही तैयार कर रखा है। 15 के करीब प्लास्टिक के डिब्बों में टमाटर के पौधे लगाए गए हैं और इन पर अब टमाटर पड़े हुए हैं। ऐसे ही उनको बैंगन भी घर से ही मिल रहे हैं।
उनका कहना है कि शहर में लोगों के पास भले ही जमीन कम हो लेकिन सब्जियां, फल, फूल लगाने का जज्बा होना चाहिए। अगर यह जज्बा है तो घर की छत को गार्डन में बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि घर पड़े खाली डिब्बों का उन्होंने सद् उपयोग किया। बड़ी जड़ वाले पौधों के लिए जुगाड़ पर खेती की जगह बनाई गई। आज उनकी छत पर लगे बगीचे में हर तरह की सब्जी उपलब्ध है।
ऐसे ही तालाब तिल्लों की मघु जराल ने बताया कि उनके घर में भी गमलों में सब्जियां तैयार होती हैं। हालांकि मेहनत ज्यादा है लेकिन घर की सब्जी की अपनी ही बात है। जम्मू में छत पर बाग बगीचे बनाने का क्रम अब तेजी से आगे बढ़ रहा है।