Jammu Kashmir : अब जम्मू-कश्मीर में अस्थायी कर्मचारियों को भी मिलेगी ग्रेच्युटी
अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण साल अस्थायी तौर पर ही काम करते हुए ये कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए। न तो उन्हें पेंशन का लाभ मिला न ही ग्रेच्युटी। नौकरी के दौरान भी ये कर्मी नियमित वेतन जारी करने की मांग को लेकर काफी समय से संघर्षरत हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू-कश्मीर के विभिन्न सरकारी विभागों में स्थायी नियुक्ति की आस लिए वर्षों से काम कर रहे अस्थायी कर्मियों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने भले अभी उन्हें स्थायी करने के लिए व्यापक योजना नहीं बनाई है परंतु आर्थिक दशा में कुछ हद तक सुधार लाने के लिए उन्हें भी ग्रेच्युटी का हकदार घोषित कर दिया है।
यानी जम्मू कश्मीर मेें अब अस्थायी कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। बशर्ते वह पांच साल तक नियमित रूप से नौकरी में रहे हों। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के दिशा निर्देश में प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से करीब एक लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। आपको जानकारी हो कि पांच अगस्त 2019 से पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्य में विभिन्न सरकारी विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत अस्थायी कर्मियों के लिए यह सुविधा नहीं थी।
अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण साल अस्थायी तौर पर ही काम करते हुए ये कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए। न तो उन्हें पेंशन का लाभ मिला न ही ग्रेच्युटी। नौकरी के दौरान भी ये कर्मी नियमित वेतन जारी करने की मांग को लेकर काफी समय से संघर्षरत हैं। अस्थायी कर्मियों की सबसे अधिक संख्या पीएचई विभाग में हैं। उसके बाद पीडीडी व अन्य विभागों में। सरकार का यह फैसला राहत देने वाला है।
अतिरिक्त म़ुख्य सचिव अटल ढुल्लु द्वारा शुक्रवार को जारी आदेश में कहा गया एक जनवरी, 2010 या फिर उसके बाद नियुक्त हुए अस्थायी कर्मियों को, सेवानिवृत्त और आगे की नौकरी के लिए अयोग्य ठहराए गए सभी अधिकारी और कर्मी, गेच्युटी के हकदार होंगे। बशर्ते उनका न्यूनतम सेवाकाल पांच वर्ष होना चाहिए।
उन्हेें उनके कार्यकाल के प्रत्येक वर्ष के आधार 10 दिन का वेतन बतौर ग्रेच्युटी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा अगर सेवाकाल में किसी अस्थायी कर्मचारी की मौत हो गई है तो उसके स्वजन को नियमों के अनुसार ग्रेच्युटी दी जाएगी। यह नियम पहली जनवरी 2010 को परिभाषित और लागू की गई पेंशन योजना में शामिल कर प्रभावी बनाया गया है।