जम्मू कश्मीर : बिना टीकाकरण ही दे दिए दोनों डोज के प्रमाणपत्र, स्वास्थ्य विभाग जांच अभियान करेगी शुरू
जम्मू-कश्मीर दो करोड़ डोज के करीब पहुंच गया है। इसीलिए ऐसी गलती की अब कोई भी गुंजाइश नहीं होने दी जाएगी। कुपवाड़ा जिले के सोगाम ब्लाक के दो लोगों ने शिकायत की थी कि एक डोज के बाद उन्हें दोनो डोज मिलने के प्रमाणपत्र जारी हो गए।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू-कश्मीर में बहुत से मामलों में ऐसा देखा गया है कि एक डोज लेने के कुछ सप्ताह बाद लोगों को बिना दूसरी डोज लिए ही दोनों डोज लेने के मैसेज आ गए।इसकी कई लोगों ने शिकायत भी की है। अब ऐसे मामलों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह शिकायतें मिल रही है कि वैक्सीन की एक डोज लेने के बाद कइयों को दोनो डोज के प्रमाणपत्र जारी हो गए हें। विभाग ने सभी अधिकारियों व ककर्मचारियों को इस प्रकार की गलती न करने की चेतावनी दी है। अब शुरू किउए गए विशेष अभियान में ऐसी गलतियों की पहचान की जाएगी जहां पर एक डोज के बाददूसरी डोज के लोगों को गलत संदेश भेजे गए हें। हालांकि इसके पीछे यह भी तर्क दिया जा रहा है कि पोर्टल पर अचानक तेजी के साथ इंट्री अपलोड करने के कारण ऐसा हुआ है।
जम्मू-कश्मीर दो करोड़ डोज के करीब पहुंच गया है। इसीलिए ऐसी गलती की अब कोई भी गुंजाइश नहीं होने दी जाएगी। कुपवाड़ा जिले के सोगाम ब्लाक के दो लोगों ने शिकायत की थी कि एक डोज के बाद दूसरी डोज न लेने के बावजूद उन्हें दोनो डोज मिलने के प्रमाणपत्र जारी हो गए।
पंचायत स्तर पर सक्रिय करें कोविड देखभाल केंद्र : मंडलायुक्त कश्मीर पांडुरंग के पोले ने सभी लोगों से कोविड प्रोटोकाल का पालन करवाने को कहा। उन्होंने पंचायत स्तर पर कोविड देखभाल केंद्रों को फिर से सक्रिय करने को कहा। इन केंद्रों में आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी केंद्रों, लंबरदारों और चौकीदारों को तैनात करने को कहा। उन्होंने नवजात बच्चों की देखभाल के लिए भी सुविधा तैयार करने को कहा। उन्हाेंने कहा कि अगर यह बच्चे संक्रमित आते हें तो उनका इलाज किया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों की दूसरी पंक्ति को भी तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर मौजूदा कर्मचारी संक्रमित होते हैं तो उनका विकल्प भी होना चाहिए।।
वहीं एक अन्य बैठक में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।उन्होंने प्राथमिक स्तर की देखभाल में होम आइसोलेशन प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया।उन्होंन कहा कि यह लहर मुख्य रूप से ओमिक्रान वाली दिखती है। मंडलायुक्त ने संभाग के सभी सीएमओ को तृतीयक देखभाल अस्पतालों में रेफरल मामलों की निगरानी करने को कहा। उन्होंने कोविड अस्पतालों के सभी चिकित्सा अधीक्षकों व नोडल अधिकारियों को अपने विशेषज्ञों की टीम के साथ इन कोविड रोगियों के प्रबंधन पर हर दिन बैठकें करने का भी निर्देश दिया।उन्होंने अस्पतालों में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए ठहरने का प्रबंध करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सफर करने से भी कर्मचारी संक्रमित हो रहे हैं।