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Coronavirus In Jammu Kashmir : डीआरडीओ अस्पताल में बच्चों के लिए अलग आरक्षित हुए बिस्तर

जम्मू के भगवती नगर में बने पांच सौ बिस्तरों की क्षमता वाले डीआरडीओ के अस्पताल में पहले बच्चों के इलाज की व्यवस्था नहीं थी। लेकिन अब इस अस्पताल में आइसीयू के 125 बिस्तरों में से 28 बच्चों के लिए आरक्षित किए गए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 11:44 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 11:44 AM (IST)
Coronavirus In Jammu Kashmir : डीआरडीओ अस्पताल में बच्चों के लिए अलग आरक्षित हुए बिस्तर
अखनूर में एक उप जिला अस्पताल की अलग से इमारत का निर्माण हो रहा है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: श्रीनगर जिले में लगातार बढ़ रहे काेविड के मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग इस बार कोविड-19 को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहता। लगातार अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। आक्सीजन प्लांट स्थापित करने के अलावा बच्चों के लिए आइसीयू के बिस्तरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। इसी कड़ी में डीआरडीओ के अस्पताल में भी बच्चों के लिए विशेष सुविधा बनाई गई है।

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जम्मू के भगवती नगर में बने पांच सौ बिस्तरों की क्षमता वाले डीआरडीओ के अस्पताल में पहले बच्चों के इलाज की व्यवस्था नहीं थी। लेकिन अब इस अस्पताल में आइसीयू के 125 बिस्तरों में से 28 बच्चों के लिए आरक्षित किए गए हैं।

वहीं जनरल वार्ड में भी 350 बिस्तरों में से 33 बच्चों के लिए रखे गए हैं। इस समय इस अस्पताल में कोविड के दो ही मरीज भर्ती हें और दोनों की हालात स्थिर बनी हुई है। यह अस्पताल भी जीएमसी जम्मू के अधीन ही चल रहा है। जीएमसी प्रशासन का कहना है कि लगातार सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है।

वहीं जम्मू के श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल और गांधीनगर अस्पताल में भी बच्चों के इलाज के लिए अलग से इंटेंसिव केयर यूनिट बनाए जा रहे हैं। इसे देखते हुए इन अस्पतालों में अतिरिक्त आक्सीजन जेनरेशन प्लांट भी स्थापित किए जा रहे हैं। इसी तरह अखनूर में एक उप जिला अस्पताल की अलग से इमारत का निर्माण हो रहा है।

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विवेक भरद्वाज अब इन सभी कायों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक उच्चाधिकारी के अनुसार इस बार पूरा ध्यान बच्चों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के साथ-साथ आक्सीजन क्षमता को बढ़ाना है। दोनों ही मोचों पर काम हो रहा है। डीआरडीओ अस्पताल इस बार तब तैयार हुआ था जब मामले लगातार कम हो रहे थे। लेकिन इस बार अगर मामले बढ़ते भी हैं तो यह अस्पताल भी अहम भूमिका निभाएगा।


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