Jammu Kashmir: गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में मिलेगा 25 फीसद आरक्षण, आठवीं तक मुफ्त शिक्षा
शिक्षा नीति बनाने के लिए कई बार विशेषज्ञों की कमेटियां बनी लेकिन जैसे ही सरकार बदली कमेटी ठंडे बस्ते में चली गई। जब-जब शिक्षा मंत्री बदले साथ ही शिक्षा विभाग की नीतियां भी बदल गई
जम्मू, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा के लिए दरवाजे जल्द खुलने वाले हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून लागू हो चुका है। अब प्रदेश प्रशासन ने राज्य के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए यहां इसके नियम तैयार कर लिए हैं। कुछ ही दिनों में नियमों को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि शिक्षा विभाग ने जो नियम बनाए हैं, उसमें हर प्राइवेट स्कूल में गरीब बच्चों के लिए 25 फीसद कोटा आरक्षित होगा। इन बच्चों की पढ़ाई पर जो खर्च आएगा, उसकी भरपाई शिक्षा विभाग करेगा। शिक्षा का अधिकार कानून जम्मू कश्मीर में हर बच्चे की शिक्षा सुनिश्चित करेगा। आठवीं कक्षा तक हर विद्यार्थी को निशुल्क शिक्षा मिलेगी। केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले जम्मू कश्मीर में लड़कियों को निशुल्क शिक्षा मिलती थी, लेकिन अब सभी को यह लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं, स्कूलों के बुनियादी ढांचे से लेकर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी। प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करवाने का रास्ता साफ होगा। गरीब बच्चे भी निजी स्कूलों में पढ़ने से वंचित नहीं रहेंगे।
मंत्री बदलते रहे, नीतियां बदलती रहीं: एकीकृत जम्मू कश्मीर में शिक्षा का स्तर बढ़ाने या शिक्षा नीति बनाने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई गई। शिक्षा नीति बनाने के लिए कई बार विशेषज्ञों की कमेटियां बनी, लेकिन जैसे ही सरकार बदली, कमेटी ठंडे बस्ते में चली गई। जब-जब शिक्षा मंत्री बदले साथ ही शिक्षा विभाग की नीतियां भी बदल गई। शिक्षा विभाग के निदेशक भी मंत्री अपने हिसाब से बदलते रहे। यह कहना गलत नहीं होगा कि गंभीरता न होने के कारण शिक्षा का कायाकल्प नहीं हुआ।
बिजली के लिए तरसते थे सरकारी स्कूल, शौचालय से भी थे वंचित: एकीकृत जम्मू कश्मीर में सरकारी स्कूल बिजली के लिए तरसते थे। केंद्र शासित प्रदेश बनने से कुछ समय पहले के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पता चलता था कि 16 हजार सरकारी स्कूलों में बिजली ही नहीं थी। हजारों स्कूलों में पानी नहीं, शौचालय नहीं थे। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद स्कूलों में सुविधाएं उपलब्ध करवाना प्राथमिकता है।
- जम्मू कश्मीर में शिक्षा का अधिकार के नए नियम जल्द लागू किए जाएंगे। आठवीं तक के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा मिलेगी। गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में लाभ मिलेगा। - असगर सेमून, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग
- शिक्षा का अधिकार कानून के नियमों में हमें हर बच्चे को शिक्षा उपलब्ध करवानी है। इसमें न तो किसी को शिक्षा से वंचित किया जा सकता है और न ही दस्तावेजों के अभाव में मना किया जा सकता है। नियम लागू होने के साथ ही सारी स्थिति साफ हो जाएगी। शिक्षा में गुणवत्ता लाने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में कानून की अहम भूमिका होगी। - अनुराधा गुप्ता, निदेशक, स्कूल शिक्षा विभाग जम्मू