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Jammu Kashmir: जिला विकास परिषद के चुनाव को लेकर राजनीति तेज, कांग्रेस को है सरकार की नीयत पर शक

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा का कहना है कि सभी जिलों पर बराबर सीटों पर कांग्रेस का कहना है कि यह सीधे सीधे भेदभाव है। सीटें तय करते समय जिलों की जनसंख्या क्षेत्रफल भौगाेलिक स्थिति जैसे मापदंडों को नकारा गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 12:08 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 12:08 PM (IST)
Jammu Kashmir: जिला विकास परिषद के चुनाव को लेकर राजनीति तेज, कांग्रेस को है सरकार की नीयत पर शक
प्रदेश भाजपा का कहना है कि विरोधी दलों की नीयत कभी भी ठीक नही है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर के थ्री टियर पंचायती राज व्यवस्था बनाने के लिए जिला विकास परिषद चुनाव करवाने की घोषणा से राजनीतिक गर्माने लगी है।

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चुनाव गैर राजनीतिक आधार पर होने हैं, लेकिन इन में पूरा राजनीतिक दखल होगा। ऐसे में जिला विकास परिषदाें चुनाव करवाने पर सरकार की नीयत पर शक कर रही कांग्रेस ने कहा है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव को टालने के लिए ही सरकार ने जिला परिषद चुनाव करवाने की घोषणा की है। इस मुद्दे पर सरकार व भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस आगे की रणनीति बनाने की तैयारी में है। पार्टी इस मुद्दे पर जल्द बैठकें कर आगे की कार्रवाई का फैसला करेगी। पार्टी सभी छोटे, बड़े जिलों में जिला विकास परिषद की 14-14 सीटें बनाने के फैसले को पर भी सवाल पैदा कर रही है।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा का कहना है कि थ्री टियर पंचायती राज व्यवस्था बनाने पर जम्मू कश्मीर सरकार की नीयत अगर ठीक होती तो संविधान के 73वें संशोधन को पूरी तरह से प्रभावी बनाया जाता। उनका कहना है कि प्रदेश में न तो पंचायती राज के लिए अलग चुनाव आयोग, न वित्त आयोग का गठन किया गया और न ही लोकपाल ही बनाया गया। शर्मा का कहना है कि इस दिशा में नेशनल कांफ्रेंस व कांग्र्रेस द्वारा की गई कार्रवाई को भाजपा ने नकार दिया। सभी जिलों पर बराबर सीटों पर कांग्रेस का कहना है कि यह सीधे सीधे भेदभाव है। सीटें तय करते समय जिलों की जनसंख्या, क्षेत्रफल, भौगाेलिक स्थिति जैसे मापदंडों को नकारा गया है। यह सही नही है बड़े जिलाें में विकास परिषद की ज्यादा सीटें होनी चाहिए।

वहीं प्रदेश भाजपा का कहना है कि विरोधी दलों की नीयत कभी भी ठीक नही है। प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र रैना का कहना है कि जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद चुनाव करवाने का फैसला एतिहासिक है। पुरानी सरकारों ने इस दिशा में कोई कार्रवाई न कर ग्रामीण लोकतंत्र को कमजोर बनाए रखा। अब जब इतिहास रचा जा रहा है तो वे हताशा में कमियां निकाल रहे हैं।  


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