J&K: डिग्री कालेज खोलने की होड़ में पीछे छुटती जा रही गुणवत्ता, 50% से कम कालेजों के पास नैक की मान्यता नहीं
नए कालेजों की जरूरत भी थी लेकिन समय समय पर आने वाली सरकारों ने कालेज खोलने में काफी दिलचस्पी दिखाई लेकिन गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। उच्च शिक्षा को घर घर तक पहुंचाने के प्रयास में गुणवत्ता कहीं पीछे छूटती जा रही है। हैरानगी की बात यह है कि जम्मू कश्मीर में खुले कुल डिग्री कालेजों में पचास प्रतिशत भी नेशनल एक्रीडेशन एंड असेसमेंट काउंसिल (नैक) से मान्यता प्राप्त नहीं है। कश्मीरी डिवीजन के 50 कालेजों में से 14 नैक से मान्यता प्राप्त है जबकि 23 कालेज नैक की मान्यता हासिल करने के लिए प्रक्रिया को अपना रहे है। शेष बचे 13 कालेज नैक की मान्यता हासिल करने के लिए अयोग्य है। जम्मू
डिवीजन में भी कालेजों का बुरा हाल
जम्मू डिवीजन के कालेजों की स्थिति भी जुदा नहीं है। जम्मू डिवीजन में 53 में से मात्र 25 कालेज ही नैक से मान्यता प्राप्त है। शेष कालेजों में से 16 कालेजों ने नैक की मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरु की है और 12 कालेजों के पास आवेदन करने की औपचारिकताएं ही नहीं है। बताते चले कि नैक यूजीसी की एक स्वतंत्र बाडी है जो उच्च शिक्षण संस्थानों का आकलन करके ग्रेडिंग करती है। इससे पता चलता कि कालेजों या विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर क्या है। इसमें कालेजों के बुनियादी ढांचे, फैकेलिटी, रिसर्च, अकादमिक व अन्य पहलुओं को ध्यान मेें रखकर ग्रेडिंग की जाती है।
सरकारों ने कालेज खोलने में दिखाई दिलचस्पी, गुणवत्ता पर नहीं
जम्मू-कश्मीर में पिछले डेढ़ दशक से नए कालेजों को खोलने की होड़ चली। हालांकि नए कालेजों की जरूरत भी थी लेकिन समय समय पर आने वाली सरकारों ने कालेज खोलने में काफी दिलचस्पी दिखाई लेकिन गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। राज्यपाल प्रशासन ने हाल ही में 52 नए डिग्री कालेज मंजूर किए है। अब कालेजों की संख्या राज्य में डेढ़ सौ का आंकड़ा पार कर चुकी है। नैक से मान्यता हासिल करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में प्रक्रिया शुरु की है। इस सिलसिले में जम्मू विवि और कश्मीरी विवि ने कार्यशालाएं भी आयोजित की है। कालेजों से यह भी कहा गया है कि अगर बुनियादी ढांचे में कमी है तो उसे भी दूर किया जाएगा लेकिन गुणवत्ता का स्तर तो बढ़ाया जाए।