Jammu Kashmir : चार साल बाद भी जेम से खरीदारी सुनिश्चित नहीं कर पाए सरकारी विभाग
Government Departments In Jammu Kashmir जेम के प्रति सरकारी विभागों की उदासीनता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आज तक जो खरीदारी जेम के माध्यम से की गई उसमें से भी 24 फीसद भुगतान अभी लंबित है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : सरकारी विभागों की खरीद को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से चार साल पहले सरकार ने सभी विभागों को अपनी खरीदारी गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस(जेम) से करने का निर्देश दिया था। सरकारी विभागों की कारगुजारी को ऑनलाइन करने के उद्देश्य से सभी विभागों को हर खरीद व कार्य करवाने के लिए जेम पर टेंडर निकालने का निर्देश दिया गया था लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी जम्मू-कश्मीर में सरकारी विभाग जेम से खरीदारी सुनिश्चित नहीं कर पाए है। आलम यह है कि वित्त विभाग की ओर से बार-बार निर्देश देने के बावजूद कुछ विभाग ही जेम पर सक्रिय हो पाए है और शेष अभी भी ऑफ लाइन ही काम कर रहे हैं।
जेम पर सामान बेचने व विकास कार्य का टेंडर हासिल करने के लिए व्यापारियों व ठेकेदारों का भी जेम पर रजिस्टर होना अनिवार्य है और इन चार सालों में काफी संख्या में विक्रेताओं व ठेकेदारों ने खुद को जेम पर रजिस्टर भी करवाया लेकिन आज भी जेम के माध्यम से होने वाले काम के मुकाबले आफ लाइन अधिक खरीद-फरोख्त हो रही है।
जेम से खरीदारी करने के लिए सरकारी विभागों की ओर से 2027 खातें रजिस्टर करवाए गए लेकिन इनमें से 497 निष्क्रय पड़े हैं। जेम के प्रति सरकारी विभागों की उदासीनता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आज तक जो खरीदारी जेम के माध्यम से की गई, उसमें से भी 24 फीसद भुगतान अभी लंबित है।
ऑनलाइन भुगतान करने की बजाय विभागों ने भुगतान भी आफ लाइन किया। जेम के माध्यम से खरीद करने पर दस दिन के भीतर भुगतान करना अनिवार्य रहता है और इसी से बचने के लिए विभागों ने आफलाइन भुगतान किए और जेम पर इसकी जानकारी भी अपडेट नहीं की।
वित्तीय आयुक्त ने जारी किए ताजा निर्देश : जम्मू-कश्मीर के वित्तीय आयुक्त अटल डुल्लू ने एक ताजा आदेश जारी कर सभी विभागों के प्रशासनिक सचिव को आदेश दिया है कि वे अपने विभागों में जेम से खरीदारी को सुनिश्चित बनाए। आदेश में कहा गया है कि प्रशासनिक सचिव अपने-अपने विभागों के अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित करें।