Jammu Kashmir: पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण को लेकर जारी है विवाद, जानिए क्या है फायदे और क्या नुकसान
पट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण पर भारत पेट्रोलियम के सेल्स मैनेजर प्रिंस सिंह का कहना है कि इथेनॉल ब्लेंडिंग से स्वच्छ ऊर्जा की प्राप्ति होगी साथ में मांग के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी। प्रदूषण को घटाने में भी बड़ी सफलता मिलेगी।
जम्मू, जागरण संवाददाता: पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण को लेकर देश के अन्य हिस्सों की तरह इन दिनों जम्मू में भी विवाद बना हुआ है। आए दिन इसे लेकर पेट्रोल पंपों पर कोई न कोई विवाद देखने को मिल रहा है। पेट्रोल पंप मालिक भी पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण का विरोध कर रहे हैं लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों की माने तो अगर थोड़ी सावधानी बरती जाए तो पेट्रोल में एथेनॉल का मिश्रण वाहनों के लिए काफी फायदेमंद है। मौजूदा समय में पेट्रोल में दस फीसद एथेनॉल को मिक्स किया जा रहा है। इससे जहां देश की पेट्रोल के आयात पर निर्भरता कम होगी, वहीं वाहनों की माइलेज में भी वृद्धि होगी। अन्य देशों में पेट्रोल में 30 फीसद एथेनाॅल मिलाया जाता है।
मारुति के मोटर इंजीनियर अभिषेक शर्मा के अनुसार जब पेट्रोल में एथेनॉल मिला होता है और उस पेट्रोल में अगर पानी चला जाता है या यह पानी के संपर्क में आ जाता है तो सारा एथेनॉल पानी बन जाता है जो वाहन के इंजन को प्रभावित कर सकता है। अब कई पेट्रोल पंप पर ऐसी शिकायत लेकर ग्राहक आ रहे हैं और पेट्रोल पंप पर आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, पेट्रोल पंपों की ओर से सरकार की नीति के बाद ऐसा किया जा रहा है। ऐसे में सरकार या पेट्रोल कंपनियों को इसका प्रचार करना चाहिए कि पेट्रोल में एथेनॉल भी है और लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए कि ऐसे में गाड़ी की टंकी की किस तरह सुरक्षा करनी चाहिए।
दरअसल, बारिश के मौसम या कभी गाड़ी धोते समय पेट्रोल की टंकी में हल्का पानी चला जाए तो लोगों को मुश्किल हो सकती है। ऐसे में लोगों को इस वक्त अपनी गाड़ी के पेट्रोल टैंक का खास ध्यान रखना चाहिए। उधर वाहन चालक रोहित कुमार के अनुसार वो लगातार अपनी गाड़ी चला रहे हैं और अब उन्हें यह महसूस हो रहा है कि उनकी गाड़ी की माइलेज कुछ बेहतर हुई है। गाड़ी पहले की अपेक्षा धुआं (प्रदूषण) भी कम दे रही है।
अभी और बढ़ेगा मिश्रण: विश्व के अन्य कई विकसित देशा में पेट्रोल में तीस फीसद तक एथेनॉल का मिश्रण किया जा रहा है और भारत सरकार ने भी अगले दो साल में पेट्रोल में 20 फीसद एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा है, जिससे देश को महंगे तेल आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। इससे पहले सरकार ने 2025 तक इसे हासिल करने का लक्ष्य रखा था, जिसे अब और नजदीक करते हुए 2023 कर दिया गया है।
इथेनॉल ब्लेंडिंग से स्वच्छ ऊर्जा की प्राप्ति होगी: पट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण पर भारत पेट्रोलियम के सेल्स मैनेजर प्रिंस सिंह का कहना है कि इथेनॉल ब्लेंडिंग से स्वच्छ ऊर्जा की प्राप्ति होगी, साथ में मांग के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी। प्रदूषण को घटाने में भी बड़ी सफलता मिलेगी। इससे कृषि की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी क्योंकि इथेनॉल निर्माण पूरी तरह से कृषि उत्पादों की बदौलत ही हो पाएगी। जिन कृषि उत्पादों का खाने में इस्तेमाल नहीं होगा या अवशेष बचेंगे, उनसे इथेनॉल बनेगा। इन उत्पादों को किसान आसानी से सरकार या डिस्टीलरी को बेच सकेंगे। गन्ने से भी इथेनॉल बनाने का काम चल रहा है जिससे किसानों को बहुत लाभ मिल रहा है।
सिर्फ पानी से बचाए और बेहतर नतीजे पाए: मोटर मैकेनिक रवि कुमार का कहना है कि पेट्रोल में एथेनॉल का मिश्रण गाड़ी के लिए किसी भी तरह से नुकसानदायक नहीं है। इसके फायदे ही फायदे है। आपको सिर्फ अपने पेट्रोल टैंक में पानी जाने से रोकना है। रवि बताते है कि उन्होंने पिछले कुछ समय में पाया है कि इससे गाड़ी कम प्रदूषण करती है और माइलेज भी बेहतर दे रही है। जब तक एथेनॉल मिक्स पेट्रोल में पानी नहीं जाएगा, गाड़ी में कोई खराबी नहीं आएगी। अलबत्ता लोगों को कुछ समय बाद अपनी गाड़ी की पेट्रोल टंकी को साफ करवा लेना चाहिए ताकि अगर कभी कहीं पानी टंकी में गया हो तो वो गाड़ी को नुकसान न करें।