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Jammu Kashmir: इंचार्ज सीनियर लेक्चररों को सालों बाद मिला इंसाफ, 652 को रेगुलर कर प्रिंसिपल नियुक्त किया

सरकार ने 23 जनवरी 2019 को विभागीय पदोन्नति कमेटी का गठन किया गया था। विभाग के प्रशासनिक सचिव बीके सिंह की तरफ से जारी आदेश के तहत 652 इंचार्ज अधिकारियों को प्रिंसिपल बना दिया गया है। राज्य प्रशासनिक काउंसिल ने सात दिसंबर 2018 को फैसला किया था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 11:50 AM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 11:50 AM (IST)
Jammu Kashmir: इंचार्ज सीनियर लेक्चररों को सालों बाद मिला इंसाफ, 652 को रेगुलर कर प्रिंसिपल नियुक्त किया
स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नति के लटके पड़े मामलों को सुलझाया गया।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर में कार्यरत इंचार्ज प्रिंसिपलों, सीनियर लेक्चररों और इंचार्ज जोनल शिक्षा अधिकारियों को इंसाफ मिला है। स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर एक ही बार 652 इंचार्ज प्रिंसिपल, इंचार्ज सीनियर लेक्चरर और इंचार्ज जोनल शिक्षा अधिकारियों को रेगुलर करते हुए प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया है।

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सरकार ने 23 जनवरी 2019 को विभागीय पदोन्नति कमेटी का गठन किया गया था। विभाग के प्रशासनिक सचिव बीके सिंह की तरफ से जारी आदेश के तहत 652 इंचार्ज अधिकारियों को प्रिंसिपल बना दिया गया है। राज्य प्रशासनिक काउंसिल ने सात दिसंबर 2018 को फैसला किया था। उसके बाद विभागीय पदोन्नति कमेटी का गठन किया गया था। उसके बाद 22 अप्रैल 2021 को विभागीय पदोन्नति कमेटी का फैसला आ गया।

तब उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इंचार्ज अधिकारियों को रेगुलर करने की जानकारी दी थी। शिक्षा विभाग में इसे एक प्रभावी कदम के रूप में देखा जा रहा है। उपराज्यपाल ने कहा कि इससे अध्यापकों का मनोबल बढ़ेगा।

बताते चले कि जम्मू कश्मीर के स्कूल शिक्षा विभाग में इंचार्ज सिस्टम बहुत ज्यादा था। सैंकड़ों लेक्चरर तो इंचार्ज प्रिंसिपल के रूप में सेवानिवृत्त हो गए। अध्यापकों की एसोसिएशन समय समय पर मांग करती रही कि इंचार्ज लेक्चररों को स्थायी किया जाए मगर पूर्व जम्मू कश्मीर की लोकप्रिय सरकारों ने सिवाए आश्वासन के कुछ नहीं दिया। जब जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने से पहले राज्यपाल शासन लगा तो तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कई अहम फैसले किए।

उन्होंने रहबर-ए-तालीम अध्यापकों को जनरल लाइन अध्यापक बना दिया। नीति को बंद कर दिया गया। स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नति के लटके पड़े मामलों को सुलझाया गया। अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद तो स्कूल शिक्षा विभाग में अहम कदम उठाए गए। पूर्व उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के समय में भी सालों से लटके अध्यापकों के लटके पड़े मामलों का समाधान किया गया। 


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