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जम्मू : आलू की फसल पर लेट ब्लाइट का खतरा, कृषि विभाग कर रहा किसानों को जागरूक

पिछले बरसों में झुलसा रोग ने किसानों को बड़ा ही नुकसान पहुंचाया। कुछ किसानों को तो खेती खर्च भी वापिस नही हो पाया था। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जब यह बीमारी आती है तो तेजी से एक पौधों से दूसरे पौधे तक पहुंच जाती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 02:40 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 02:40 PM (IST)
जम्मू : आलू की फसल पर लेट ब्लाइट का खतरा, कृषि विभाग कर रहा किसानों को जागरूक
समय पर उपाय करने से ही किसान नुकसान से बच सकते हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता : आलू की फसल पर लेट ब्लाइट बीमारी का खतरा किसानों को सताने लगा है। आरएस पुरा, मढ़ व दूर दराज के इलाकों से बीमारी के लक्षण दिखे हैं। इसलिए कृषि विभाग सचेत हो गया है और किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। चूंकि अब मौसम बिगड़ने वाला है। मौसम विभाग ने बारिश के आसार जताए हैं। ऐसे में मौसम में तापमान के उतार चढ़ाव से लेट ब्लाइट के पनपने के आसार बन जाते हैं।

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खास कर सैलाबी इलाकों में पड़ते खेतों में इस बीमारी की पकड़ बन सकती है। इसलिए कृषि विभाग किसानों को जागरूक कर रहा है। प्लांट हेल्थ क्लीनिक जम्मू के इंचार्ज अरुण खजुरिया ने कहा कि मौसम के उतार चढ़ाव से ब्लाइट बीमारी की जकड़ बढ़ सकती है। इसलिए किसानों को फफूंदी नाशक दवा जैसे मेनकोजेब,प्रोपीनेव आदि का छिड़काव अभी से कर देना चाहिए। नही तो किसानों की दिक्कतें बढ़ जाएंगी।

लेट ब्लाइट जिले झुलसा रोग भी कहते हैं, जब आलू की बीमारी पर आता है, तो पौधा झुलस ही जाता है। ऐसे में जमीन के अंदर लगे आलू विकसित नही हो पाते और किसानों को नुकसान हो जाता है। इसलिए किसानों को जागरूक होना बड़ा जरूरी है।

पिछले बरसों में झुलसा रोग ने किसानों को बड़ा ही नुकसान पहुंचाया। कुछ किसानों को तो खेती खर्च भी वापिस नही हो पाया था। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जब यह बीमारी आती है तो तेजी से एक पौधों से दूसरे पौधे तक पहुंच जाती है। ऐसे में समय पर उपाय करने से ही किसान नुकसान से बच सकते हैं।

वहीं बारिश के आसार को देखते हुए कृषि विभाग किसानों को दूसरी फसलों के लिए भी जागरूक कर रहा है। किसानों से कहा जा रहा है कि गेहूं की फसल के खेतों में पानी की निकासी का मार्ग बना ले ताकि अतिरिक्त बारिश का पानी खेतों से बाहर चला जाए। 


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