जम्मू-कश्मीर में डेढ़ वर्षों में 11 हजार सरकारी नियुक्तियां हुई, 21,943 प्रोजेक्ट पूरे किए
विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत 137870 युवाओं को इंटरप्रेन्योर बनने के अवसर प्रदान किए गए हैं। 67000 करोड़ खर्च करके 2018 में मात्र 9229 प्रोजेक्ट पूरे हुए थे। वही पिछले वर्ष 4000 करोड़ रुपये कम यानि 63000 करोड़ रुपये खर्च करके 21943 प्रोजेक्ट पूरे किए गए हैं।
जम्मू, जेएनएन। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनेाज सिन्हा ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष में पारदर्शी तरीके से 11,000 सरकारी नियुक्तियाँ की गई है जो अब तक जम्मू कश्मीर के इतिहास में अनसुना, अनदेखा और असंभव था। पहली बार वंचित वर्ग, गरीब तबके के बच्चे मेरिट के आधार पर सरकारी अफसर बनें हैं और योग्यता से रोजगार के उनके सपनों को मूर्त रूप दिया गया है। विभिन्न स्तर के 20,323 अतिरिक्त पदों को चिन्हित करके जम्मू कश्मीर सर्विस सेलेक्शन बोर्ड को भर्ती के लिए भेज दिया गया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर बैंक में विभिन्न स्तरों पर पारदर्शी तथा मेरिट के आधार पर 1850 नियुक्तियाँ की गई हैं।
विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत 1,37,870 युवाओं को इंटरप्रेन्योर बनने के अवसर प्रदान किए गए हैं। 67,000 करोड़ खर्च करके 2018 में मात्र 9229 प्रोजेक्ट पूरे हुए थे। वही पिछले वर्ष 4000 करोड़ रुपये कम यानि 63,000 करोड़ रुपये खर्च करके 21,943 प्रोजेक्ट पूरे किए गए हैं। इस साल हमें पूरी उम्मीद है कि पहले की तुलना में तीन गुने ज्यादा प्रोजेक्ट्स पूरे किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में रोड एवं टनल इंफ्रास्ट्रक्चर पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहें हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कभी 10वें, 11वें स्थान पर रहने वाला जम्मू कश्मीर आज पूरे देश में तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2018 में सामान्य तौर पर 1500-1600 किलोमीटर सड़क बनती थी आज दुगुने से भी ज्यादा 3200 किलोमीटर सड़क बन रही है। पहले 2200-2300 किलोमीटर सड़क का मैक्डमाइजेशन होता था। 2020-21 में दुगुने से ज्यादा 5137 किलोमीटर सड़क का मैक्डमाइजेशन हुआ था। बहुत जल्द कोविड वैक्सीनेशन तथा कोविड मैनेजमेंट में आज जम्मू कश्मीर सम्पूर्ण देश में मॉडल के रूप में उभरा है। 18 साल से ऊपर की आबादी के शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन के साथ हमने 2 करोड़ वैक्सीन डोज का आंकड़ा पार कर लिया है।
मैं आज इस अवसर पर उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जो तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद असमय हमें छोड़कर चले गए। उनके परिवारों की देखभाल करने के लिए सरकार ने सक्षम योजना शुरू की है। वर्ष 2021 के पहले की सरकारों ने गरीब आदिवासी समुदाय पर कोई ध्यान नहीं दिया था। आज जब हम उनके आशाओं, आकांक्षाओं को मूर्त रूप देने का प्रयास कर रहें हैं तो एक खास वर्ग उनकी भावनाओं को भड़का रहा है। आदिवासी समुदाय से जुड़ी एकाध कुछ अप्रिय घटनाएं हुई हैं जो मेरे संज्ञान में हैं और उन पर उचित कार्यवाई की जाएगी। कुछ लोग इसे मुद्दा बनाकर भावनाओं को भड़काने का प्रयास कर रहें हैं जो बिल्कुल निंदनीय है। जम्मू कश्मीर प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। पहाड़ी समुदाय के भाइयों-बहनों के विकास एवं उनकी संस्कृति को संरक्षित करने का भी हम ईमानदार प्रयास करने का भरोसा देते हैं। हमें एकता की मुठ्ठी बांधकर 2047 के लक्ष्यों के संकल्प की सिद्धि करनी है।