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Jammu: खुद बेरोजगार होकर भी बन रहे दूसरों का सहारा, थ्री-व्हीलर चालक मरीजों-तीमारदारों की कर रहे निशुल्क सेवा

ये थ्री-व्हीलर चालक रोजाना सुबह जीएमसी बख्शी नगर के पास पहुंचते है और ऐसे मरीजों व तीमारदारों को बिना पैसे लिए वहां से शालामार व रेशमघर पहुंचाते है। जीएमसी से शालामार अस्पताल व सुपर स्पेशलिटी अस्पताल करीब एक किलाेमीटर पड़ता है। इस मुश्किल घड़ी में मदद कर रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 10:27 AM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 10:27 AM (IST)
Jammu: खुद बेरोजगार होकर भी बन रहे दूसरों का सहारा, थ्री-व्हीलर चालक मरीजों-तीमारदारों की कर रहे निशुल्क सेवा
इस समय यात्री वाहन भी बंद है, इसलिए उन्होंने यह सेवा शुरू की।

जम्मू, जागरण संवाददाता: लॉकडाउन के चलते शहर के थ्री-व्हीलर चालक भी पिछले एक महीने से बेकार है। रोज कमाकर खाने वाले इन दिहाड़ीदारों के लिए कमाई का साधन बंद हो चुका है लेकिन इस आर्थिक तंगी के बावजूद इनमें सेवा भाव का जज्बा बरकरार है। गवर्नमेंट मेडिकल कालेज अस्पताल के बाहर से यात्रियों को उनके गंतव्य तक ले जाने वाले इन थ्री-व्हीलर चालकों ने कोविड-19 मरीजों व उनके तीमारदारों के लिए निश्शुल्क सेवा शुरू की है।

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इन थ्री-व्हीलर चालकों ने मरीजों व तीमारदाराें के लिए जीएमसी बख्शी नगर से लेकर शालामार अस्पताल व सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रेशम घर तक यह निश्शुल्क सेवा शुरू की है। ये थ्री-व्हीलर चालक रोजाना सुबह जीएमसी बख्शी नगर के पास पहुंचते है और ऐसे मरीजों व तीमारदारों को बिना पैसे लिए वहां से शालामार व रेशमघर पहुंचाते है। जीएमसी से शालामार अस्पताल व सुपर स्पेशलिटी अस्पताल करीब एक किलाेमीटर पड़ता है और ये चालक रोजाना कई चक्कर काट कर लोगों की इस मुश्किल घड़ी में मदद कर रहे हैं।

इस दौरान ये चालक थ्री-व्हीलर में सफर को सुरक्षित बनाने के लिए सैनिटाइजेशन का भी पूरा ख्याल रखते है और एक सवारी को पहुंचाने के बाद पूरे थ्री-व्हीलर को सैनिटाइज किया जाता है ताकि वह खुद भी सुरक्षित रह सके और दूसरों को भी संक्रमण न हो। यह निश्शुल्क सेवा देने वाले ड्राइवर कहते है कि यह महामारी का समय है और हर किसी को एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आना चाहिए।

इन ड्राइवरों के अनुसार अक्सर मरीज के तीमारदार को टेस्ट करवाने या दवाई लेने के लिए शालामार या सुपर स्पेशलिटी तक जाना पड़ता है लेकिन खुद के पास गाड़ी न होने से उन्हें पैदल जाना पड़ता था। इस समय यात्री वाहन भी बंद है, इसलिए उन्होंने यह सेवा शुरू की।


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