Jammu: जीवामृत से सुधारें जमीन की बिगड़ी सेहत, किसान खुद तैयार कर सकते
किसानों को एक ड्रम में 5 किलो गोबर 3 लीटर गो मूत्र 250 ग्राम गुड 250 ग्राम बेसन व 5 लीटर पानी मिला है और इसे एक सप्ताह तक ड्रम में रखना है। सुबह शाम इसे हिलाया जाना चाहिए। सप्ताह बाद इसे छानकर घोल को बोतलों में भर लें।
जम्मू, जागरण संवाददाता: आज किसान ज्यादा फायदे के चक्कर में अंधाधुंध रसायन खाद का इस्तेमाल खेती में कर रहा है। भले ही पैदावार ज्यादा मिल रही हो लेकिन यह सच है कि अत्याधिक रसायन से जमीन की सेहत पर दुष्प्रभाव भी पढ़ रहा है। कुछ जमीन ऐसी भी हो गई हैं कि उसमें पौष्टिक तत्व रहे ही नही। शत्रु कीटों का सफाया तो ठीक लेकिन मित्र कीट भी खत्म हो गए।
जमीन का उपजाऊ खत्म होते जला रहा है। ऐसे में जीवामृत का घोल जमीन की बिगड़ी सेहत को ठीक कर सकता है। जम्मू में कुछ किसान इसी घोल का खेत में इस्तेमाल कर रहे हैं। यह घोल कहीं लेने के लिए आपको बाजार नही जाना है बल्कि किसान खुद तैयार कर सकते हैं।
कृषि विभाग के जेपीएई फार्म मैनेजर अरुण जराल ने बताया कि यह घोल किसान आसानी से बना सकता है क्योंकि जो सामग्री इसमें पड़ेगी, वह आसानी से किसानों के पास उपलब्ध होती है। इसका जब खेतों में इस्तेमाल होगा तो जमीन फिर से तंदरुस्त होने लगेगी, ऐसा हमने ट्रायल में पाया है। जमीन के खोए हुए तत्व फिर वापिस लौटने लगते हैं। अब हम इस घोल के बारे में लोगों को बताते भी हैं।
घोल बनाने के लिए किसानों को एक ड्रम में 5 किलो गोबर, 3 लीटर गो मूत्र, 250 ग्राम गुड, 250 ग्राम बेसन व 5 लीटर पानी मिला है और इसे एक सप्ताह तक ड्रम में रखना है। सुबह शाम इसे हिलाया जाना चाहिए। सप्ताह बाद इसे छानकर घोल को बोतलों में भर लें। 12 से 15 लीटर पानी में एक लीटर घोल को मिलाकर खेत में खेती में छिड़काव करें।
इससे पौधे पर बीमारियां कम आएंगी व जमीन को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई भी शुरू हो जाएगी। जमीन को खोए पोषक तत्व प्राप्त हो जाएंगे। समय-समय पर इस तरह के घोल का छिड़काव किया जाना चाहिए।