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PAGD Meeting: डा फारुक अब्दुल्ला ने कहा- 4 अगस्त 2019 की गुपकार घोषणा को लेकर हम पूरी तरह से अडिग-संकल्पबद्ध हैं

पीएजीडी की बैठक के बाद डा फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हम 4 अगस्त 2019 की गुपकार घोषणा को लेकर पूरी तरह से अडिग और संकल्पबद्ध हैं। पीएजीडी में कोई मतभेद नहीं है। हमने पांच अगस्त 2019 के फैसले काे सर्वाेच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 04:01 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 07:43 PM (IST)
PAGD Meeting: डा फारुक अब्दुल्ला ने कहा- 4 अगस्त 2019 की गुपकार घोषणा को लेकर हम पूरी तरह से अडिग-संकल्पबद्ध हैं
पीएजीडी की शुरूआत 4 अगस्त 2019 को एक सर्वदलीय बैठक में हुई थी।

जम्मू, जेएनएन। पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेश (पीएजीडी) की एक अहम बैैठक महबूबा मुफ्ती के घर शुरू हो गई है। यह महत्वपूर्ण बैठक आज शाम 5.15 बजे के करीब शुरू हुई है। इसमें भाग लेने के लिए नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला पहुंच गए हैं।

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पीएजीडी की बैठक के बाद डा फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हम 4 अगस्त 2019 की गुपकार घोषणा को लेकर पूरी तरह से अडिग और संकल्पबद्ध हैं। पीएजीडी में कोई मतभेद नहीं है। हमारे स्टैंड में कोई बदलाव नहीं है। हमने पांच अगस्त 2019 के फैसले काे सर्वाेच्च न्यायालय में चुनौती दी है। यह मामला अदालत में विचाराधीन है। हम जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया पर लगातार निगाह रखे हुए हैं। यहां आम लाेगों पर पुलिस की प्रताड़ना लगातार बढ़ रही है।

पीएजीडी की शुरूआत 4 अगस्त 2019 को हुई थी

पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेश की शुरूआत 4 अगस्त 2019 को पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला के घर में हुई एक सर्वदलीय बैठक में हुई थी। इसमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सहित कश्मीर केंद्रित दलों ने भाग लिया था। इसमें जम्मू-कश्मीर की विशिष्ट पहचान बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाने का एलान किया गया था। इसे गुपकार घोषणा का नाम दिया गया था। इसके उपरांत 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को संसद में पारित किए जाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर का भारत में पूर्ण रूप से विलय हो गया था।

जम्मू-कश्मीर में दो निशान-दो विधान की व्यवस्था समाप्त हुई थी

5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को संसद में पारित करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में दो निशान-दो विधान की व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो गई है। जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल हो गया। इसके उपरांत 20 अक्टूबर 2020 को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के साथ विस्तारपूर्वक विचार विमर्श करने के उपरांत डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने माकपा, पीपुल्स् कांफ्रेंस और पीपुल्स मूवमेंट व अवामी नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिलकर पीएजीडी को गठन किया। इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 से पहले की संवैधानिक स्थिति को बहाल कराना बताया गया है। पीएजीडी की कमान डॉ फारूक अब्दुल्ला को सौंपी गई और उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को बनाया गया।


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