Kashmir Apple: कश्मीर के सेब पर भारी पड़ रहा ईरानी सेब, उत्पादक निराश
कश्मीरी सेब का सालाना कारोबार लगभग 800 करोड़ है। कश्मीर के हालात और मौसम की मार से पहले ही हम लोग नुकसान उठा रहे हैं। ईरानी सेब के बाजार में आने से सिर्फ कश्मीरी ही नहीं हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादक और व्यापारियों को नुकसान हो रहा है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : अफगानिस्तान के रास्ते भारत पहुंच रहा ईरानी सेब कश्मीरी सेब पर भारी पड़ रहा है। इससे कश्मीरी सेब उत्पादक और व्यापारी आहत हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार से ईरानी सेब के आयात पर रोक लगाने और इसके अवैध निर्यात को बंद करने की मांग की। कश्मीर वेली फ्रूट ग्रोअर्ज एंड डीलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन बशीर अहमद बशीर ने कहा कि इस समय दिल्ली के बाजारों में ईरानी सेब खूब बिक रहा है।
ईरानी सेब को अगर सही तरीके से आयात किया जाए तो कश्मीरी सेब के बाजार का कोई फर्क नहीं पड़ता। इस समय ईरानी सेब अफगानिस्तान के रास्ते आ रहा है। भारत-अफगानिस्तान के बीच हुए समझौते के तहत अफगानिस्तान से आयात की जाने वाली कुछ वस्तुएं कर मुक्त हैं। इनमें सेब भी है। दिल्ली की आजादपुर मंडी व अन्य मंडियों में बैठे कुछ व्यापारी अफगानिस्तान के साथ समझौते क अनुचित लाभ उठा रहे हैं।
वह ईरान का सेब जो बड़ी मात्रा में अफगानिस्तान में आता है, को आयात कर रहे हैं। इस तरह वह टैक्स छूट का लाभ उठा रहे हैं,अन्यथा ईरान से सीधे मंगवाने पर टैक्स देना पड़ता है। इसका नुकसान सरकार और कश्मीरी व्यापारी दोनों झेल रहे हैं। हमने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी लिखित आग्रह किया कि वह ईरान से अवैध तरीके से आयात किए जा रहे सेब की आजादपुर मंडी में खरीदो-फरोख्त पर रोक लगाएं।
बशीर ने कहा कि कश्मीरी सेब का सालाना कारोबार लगभग 800 करोड़ है। कश्मीर के हालात और मौसम की मार से पहले ही हम लोग नुकसान उठा रहे हैं। ईरानी सेब के बाजार में आने से सिर्फ कश्मीरी ही नहीं हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादक और व्यापारियों को नुकसान हो रहा है।