Advocate Babar Qadri Killing: एडवोकेट कादरी की हत्या की जांच के लिए SIT गठित, भूपेंद्र हत्या मामले में 2 SPO निलंबित
बीडीसी चेयरमैन भूपेंद्र सिंह की हत्या पर आइजीपी विजय कुमार ने कहा कि हमले में LeT के दो आतंकियों युसूफ कंदरू और अबरार का नाम सामने आ रहा है। यह बात सामने आई है कि आतंकियों को बीडीसी चेयरमैन के कार्यक्रम के बारे में पहले से ही जानकारी दी।
श्रीनगर, जेएनएन। एडवोकेट बाबर कादरी की हत्या की जांच के लिए पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआइटी) का गठन किया गया है। एसपी हजरतबल इस टीम का नेतृत्व करेंगे। एडवोकेट पर दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने गत वीरवार को शाम 6.20 बजे हमला किया था। एडवोकेट कादरी के सिर पर चार गोलियां लगीं और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।
आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि इस हमला करने वाले दोनों मॉस्क पहने लोग एडवोकेट कादरी के पास किसी मसले पर चर्चा करने के लिए आए थे। उन्होंने अपने आप को हवाल श्रीनगर का निवासी बताया था। उन्होंने कादरी से कहा कि उन्हें एक दुर्घटना मामले से उनसे चर्चा करनी है। लेकिन उन्होंने अचानक से उन पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। यही नहीं भागते समय आतंकवादियों ने कुछ गोलियां हवा में भी चलाई थी।विजय कुमार ने बताया कि मामले की जांच के लिए एसपी हजरतबल के नेतृत्व में एक एसआइटी का गठन किया है।
भूपेंद्र सिंह हत्या में लश्कर-ए-तैयबा का नाम आ रहा: बडगाम से बीडीसी चेयरमैन भूपेंद्र सिंह की हत्या पर आइजीपी विजय कुमार ने कहा कि हमले में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों युसूफ कंदरू और अबरार का नाम सामने आ रहा है। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि आतंकियों को बीडीसी चेयरमैन के कार्यक्रम के बारे में पहले से ही जानकारी दी। क्षेत्र का दौरा कर लौट रहे भूपेंद्र सिंह ने अपने दोनों एसपीओ को आराम करने के लिए भेज दिया। जैसे ही वह अपने घर के बाहर पहुंचे आतंकवादियों पर उन पर गोलियां बरसाना शुरू कर दी। फिलहाल, हमने उनके दोनों एसपीओ को निलंबित कर दिया है। आतंकियों की तलाश की जा रही है।
बडगाम में सीआरपीएफ जवान की हत्या में जैश-ए-मोहम्मद का हाथ: आइजीपी ने पत्रकारों के समक्ष एक और खुलासा किया कि जिला बडगाम में बाडीपोरा इलाके में जो सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया गया था, उसको जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ का जवान शहीद हो गया था। उन्होंने बताया कि घटना स्थल पर एम-4 के कारतूस पाए गए थे। एम-4 आमतौर पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ही इस्तेमाल करते हैं। वहीं पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में आइजीपी ने यह जानकारी भी दी कि कश्मीर में अभी भी 170 से 200 के करीब सक्रिय आतंकवादी मौजूद हैं। इनमें 40 विदेशी हैं, जिन्हें पुलिस नाम से जानती है।