Jammu Kashmir Domicile: लोगों को भड़काने-कानूनी व्यवस्था का संकट पैदा करने वालों पर होगी कार्रवाई: आईजीपी
गृहमंत्रालय ने दो दिन पूर्व ही केंद्र प्रशासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में डोमिसाइल के नए नियमों को तय किया है। इससे कई स्थानीय राजनीतिक संगठन नाराज हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र प्रशासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में डोमिसाइल मुद्दे की आड़ में आम लोगों को भड़का, हालात बिगाड़ने की शरारती तत्वों की साजिश को भांपते हुए प्रशासन ने भी अपनी तैयारी शुरु कर दी है। अलगाववादी संगठनों से जुड़े लोगों, हाल-फिलहाल में रिहा हुए पत्थरबाजों की गतिविधियों की निगरानी शुरु करते हुए सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने अपने इलाकों में किसी को भी हालात बिगाड़ने का मौका न दें।। सोशल मीडिया पर सक्रिय तत्वों की निगरानी भी की जा रही है। आइजीपी कश्मीर रेंज विजय कुमार ने कहा कि जो भी लोगों को भड़काते हुए, कानून व्यवस्था का संकट पैदा करता नजर आएगा, उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होगी।
गृहमंत्रालय ने दो दिन पूर्व ही केंद्र प्रशासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में डोमिसाइल के नए नियमों को तय किया है। इससे कई स्थानीय राजनीतिक संगठन नाराज हैं। वे इन नियमों को जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अन्याय बता रहे हैं। नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस और माकपा जैसे दल ही नहीं हाल ही में गठित जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी भी डोमिसाइल के मुद्दे पर नाखुश है। पैंथर्स पार्टी ने भी इस पर कड़ा एतराज जताया है। आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस ने भी गत रोज एक बयान जारी कर नए नियम को जम्मू कश्मीर विशेषकर कश्मीर घाटी के मुस्लिम बहुल चरित्र को बदलने की नई दिल्ली की साजिश का हिस्सा बताया है।
केंद्र प्रशासित जम्मू कश्मीर में डोमिसाइल के मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों को लामबंद होते देख प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि यह मामला बीते आठ माह से लगभग समाप्त हो चुके राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों और पत्थरबाजी के मामलों को फिर से हवा दे सकता है। इस समय जब जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पहले ही स्थिति काफी गंभीर है, अगर ऐसा कुछ हुआ तो स्थिति बेकाबू हो जाएगी।
कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता सलीम रेशी ने कहा कि इस समय चाहे अलगाववादी हों या मुख्यधारा के राजनीतिक संगठन, सभी अपने लिए मुद्दों को तलाश रहे हैं। वह किसी तरह लोगों को अपने साथ जोड़ने का मौका ढूंढ रहे हैं। डोमिसाइल का मुद्दा उनके मंसूबे को पूरा सकता है। नागरिकता और स्थानीय पहचान को लेकर हर जगह लोग भावुक होते हैं। भावनाओं का शोषण आसानी से हो सकता है। इसलिए यह मामला कश्मीर में हालात बिगाड़ सकता है। प्रशासन को इसके लिए कोई व्यवस्था करनी चाहिए। पहले ही यहां लोग कोरोना से परेशान हैं, ऐसे हालात मे अगर हिंसक प्रदर्शन, सिलसिलेवार बंद का दौर शुरू होता है तो आम आदमी की जिंदगी पूरी तरह नर्क बन जाएगी।
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि हम कश्मीर घाटी के हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखना, लोगों के जानमाल की हिफाजत करना हमारी जिम्मेदारी है। हम किसी को भी यहां हालात बिगाड़ने का मौका नहीं देंगे। अगर यहां काेई हमें आम लोगों को डोमिसाइल के मुद्दे पर भड़काते हुए नजर आया, उन्हें प्रदर्शनों के लिए उकसाता नजर आया, तो उसके खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई होगी। उसे उसी समय संबधित कानून के तहत गिरफ्तार कर जेल में भेजा जा सकता है। किसी भी को भी यहां शांति व्यवस्था भंग करने, आम लोगों के जीवन में खलल डालने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर भी बीते दो दिनों के दौरान कुछ तत्व डोमिसाइल के मुद्दे पर स्थानीय लोगों के भड़काने और उनमें भ्रम पैदा करने में सक्रिय हो गए हैं। हमने इन तत्वों की निगरानी व निशानदेही का जिम्मा साइबल सैल को सौंपा है। जल्द ही इन तत्वों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।