IGP बसंत ने सोशल मीडिया पर पुलिस के नाम जारी किया शिकायती पत्र, DGP से बताया जान का खतरा
सोशल मीडिया पर वायरल किए गए पत्र में उन्होंने लिखा है कि मैं इस देश के एक निजी नागरिक के रूप में शिकायत दर्ज करवा रहा हूं ना कि आइपीएस अधिकारी के रूप में।
जम्मू, जागरण संवाददता : अक्सर विवादों में रहने वाले आइपीएस अधिकारी बसंत कुमार रथ ने एक और विवाद को जन्म दे दिया है। बसंत रथ ने सोशल मीडिया पर एक शिकायत पत्र जारी करते हुए कहा कि यह उन्होंने जम्मू के गांधी नगर पुलिस स्टेशन में दिया है। इस पत्र में बसंत ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह से अपनी जान को खतरा होने की बात लिखी है। हालांकि इस बारे में जम्मू पुलिस के अधिकारी कुछ भी नहीं बोल रहे। वहीं, एसएचओ गांधी नगर गुरनाम चौधरी ने भी उन्हें आइजीपी बसंत का पत्र मिलने से साफ इन्कार किया है।
वर्ष 2000 बैच के आइपीएस अधिकारी बसंत कुमार रथ की ओर से सोशल मीडिया पर वायरल किए गए पत्र में उन्होंने लिखा है कि मैं इस देश के एक निजी नागरिक के रूप में शिकायत दर्ज करवा रहा हूं, ना कि आइपीएस अधिकारी के रूप में। पत्र में उन्होंने गांधी नगर एसएचओ को लिखा है कि आप चाहें तो डीजीपी के खिलाफ एफआइआर ना लगाएं, लेकिन मेरी शिकायत को थाने की दैनिक डायरी में दर्ज कर लें। यदि मेरे साथ कुछ बुरा होता है तो आपको पता होना चाहिए कि आपको किसका नंबर डायल करना चाहिए। मुङो उम्मीद है कि आप इस पत्र को स्वीकार करेंगे।
यहां से शुरू हुआ था दोनों में विवाद
दरअसल, बसंत रथ और डीजीपी दिलबाग सिंह में विवाद एक फर्जी ट्विटर उपयोगकर्ता दिलबाग सिंह के नाम पर हुआ था। ट्विटर में एक दिलबाग सिंह नाम के व्यक्ति को बसंत रथ ने दिल्लू कह कर संबोधित किया था और लिखा था कि आप ने सरकारी भूमि पर कब्जा किया है। डीजीपी ने भी सोशल मीडिया पर इसका जबाव दिया था। इसके बाद बसंत रथ लगातार दिलबाग सिंह पर सोशल मीडिया पर संगीन आरोप लगा रहे हैं।
बसंत रथ का विवादों से रहा है नाता
ओडिशा के रहने वाले बसंत रथ वर्ष 2018 में पदोन्नत होकर आइजीपी बने थे। आइजीपी ट्रैफिक जम्मू कश्मीर का पद्भार संभालने के दौरान उन्होंने खुद सड़कों पर उतरकर दबंग अंदाज में यातायात व्यवस्था को सुचारू किया था, लेकिन बिना वर्दी के कार्रवाई करने पर उनपर कई सवाल भी उठे थे। इस दौरान बसंत रथ का श्रीनगर के मेयर जुनैद अजीम मट्टू के साथ विवाद भी हो गया था। बताया जाता है कि इसी कारण उन्हें आइजीपी ट्रैफिक से हटाकर होम गार्ड सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ विंग में अटैच कर दिया गया था।