Jammu Kashmir: शहर में खराब हुआ ट्रांसफार्मर तो इतने घंटों में बदला जाएगा, ऐसा नहीं करने पर होगी कार्रवाई
उपराज्यपाल ने जम्मू संभाग में गर्मियों में बिजली की तैयारियों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड और जम्मू-कश्मीर पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने भाग लिया।उपराज्यपाल ने बिजली वितरण सिस्टम को बेहतर बनाने और सुचारू करने पर विचार विमर्श किया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । शहर में बिजली के ट्रांसफार्मर के खराब या जल जाने पर उसे 8 घंटे में बदला जाएगा। वहीं ग्रामीण इलाकों में ट्रांसफार्मर को 48 घंटे में बदला जाएगा। बिजली ट्रांसफार्मरों को बदलने की समय सीमा तय कर दी गई है। बिजली विभाग को ट्रांसफार्मरों का पर्याप्त स्टाक एडवांस में उपलब्ध रखना होगा और देरी के लिए जवाबदेही तय होगी।
यह निर्देश उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू संभाग में गर्मियों में बिजली सप्लाई को सुचारू बनाने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा करते दिए। उपराज्यपाल ने जम्मू संभाग में गर्मियों में बिजली की तैयारियों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड और जम्मू-कश्मीर पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने भाग लिया।
राजभवन में हुई बैठक में उपराज्यपाल ने बिजली वितरण सिस्टम को बेहतर बनाने और सुचारू करने पर विचार विमर्श किया। लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए खराब या जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने में तेजी लाने पर जोर देते हुए कहा कि अगर शहरी क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है तो 8 घंटे के भीतर उसे बदला जाएगा जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घंटे के भीतर ट्रांसफॉर्मर को बदलना होगा। उन्होंने देरी के लिए जिम्मेदारी तय करने और लोगों को बेहतर बिजली सप्लाई उपलब्ध करवाने पर जोर दिया।
उपराज्यपाल ने जोर देकर कहा कि बिजली की सप्लाई में रुकावट नहीं आनी चाहिए और इसके लिए छोटी और मध्यम अवधि के कदमों पुनर्विचार की जरूरत है। सभी अधिकारियों के बीच विभिन्न स्तरों पर बेहतर तालमेल होना चाहिए। ट्रांसफार्मरों की मरम्मत और बदलने की की प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए बैठक में यह फैसला किया गया कि ट्रांसफार्मरों को यूनीक आईडेंटिफिकेशन नंबर दिया जाएगा जिसमें ट्रांसफार्मर स्थापित करने और मरम्मत करने का ब्योरा शामिल होगा। स्टाक प्रबंधन के लिए इसके लिए ऑनलाइन सिस्टम बनाया जाएगा और इसके लिए एक महीने का समय दिया गया है। बिलिंग और वसूली के सिस्टम को सुचारू करने के लिए मीटर रीडिंग एप्लीकेशन पर काम होगा। उपराज्यपाल ने सभी जिलों में ट्रांसफार्मरों का पर्याप्त स्टाक रखने के निर्देश दिए। उ
न्होंने कहा कि बिजली के जो ट्रांसफार्मर या उपकरण काम नहीं कर रहे हैं उन्हें बदला जाए। उन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाए जहां पर बिजली की खपत ज्यादा है। बिजली कटौती के शेडयूल बारे लोगों को जानकारी होनी चाहिए और ग्रामीण इलाकों में कम वोल्टेज के मुद्दे का समाधान किया जाए। ग्रिड स्टेशनों के विस्तार की निगरनी, वितरण प्रणाली और ट्रांसमिशन लाइनों को मजबूत बनाने, आवंटन नेटवर्क के रखरखाव पर दिशा निर्देश दिए गए। उपराज्यपाल ने अधिकारियों से कहा यह कि यह सुनिश्चित बनाया जाए कि ट्रांसफार्मर खराब होने की दर कम हो। आक्सीजन उत्पादन प्लांटों उपलब्ध करवाई जा रही बिजली की स्थिति का जायजा लेते हुए उपराज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि बिजली ऑक्सीजन के प्लांटों सप्लाई सुनिश्चित होनी चाहिए।
उन्होंने जम्मू संभाग में गर्मियों में साल 2020 और 2021 में बिजली की खपत, सप्लाई पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बिजली की खपत के हिसाब से जिला आधार पर सप्लाई ट्रांसफार्मरों के स्टॉक की समीक्षा भी की। इससे पहले विकास विभाग के प्रमुख सचिव रोहित बंसल ने उपराज्यपाल को गर्मियों के मौसम में बिजली विभाग की तैयारियों बारे बताया उन्होंने कहा कि जम्मू संभाग में बिजली के ढांचे को मजबूत करने के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। रोहित कंसल ने बताया कि जतवाल में 220 केवी का स्टेशन, घाटी कठुआ में 160 एमवीए,सांबा में 160 केवीए का स्टेशन, जतवाल सांबा ट्रांसमिशन लाइन शुरु किए गए है।