गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, बर्फ के रेगिस्तान के रास्ते में ही फंस गई एंबुलेंस, फिर...
तीन से चार फीट बर्फ में सात किलोमीटर चारपाई पर उठा पहुंचाया अस्पताल, बर्फबारी के कारण एंबुलेंस रास्ते में ही फंस गई बर्फ के रेगिस्तान से जांबाज युवा बचा लाए जिंदगी
श्रीनगर/बारामुला, जागरण न्यूज नेटवर्क। भारी बर्फबारी के कारण कश्मीर में जीवन जम गया है। नियंत्रण रेखा से सटे बारामुला जिले में तीन से चार फीट तक बर्फ गिर चुकी है। इसी बीच गांव गोरीवन में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। प्रशासन ने एंबुलेंस भेजी पर वह बर्फ के रेगिस्तान में कुछ कदम चलकर ही फंस गई। ऐसे में कुछ साहसी युवाओं ने बर्फबारी के बीच महिला को चारपाई पर लिटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया और महिला को नई जिंदगी मिल गई। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बेगम जान (28) अपने पिता अल्ताफ अहमद के साथ बारामुला से 22 किलोमीटर दूर गोरीवन नामबलन इलाके में रहती है। बेगम जान को वीरवार सुबह प्रसव पीड़ा उठी। पिता ने घर से सात किलोमीटर दूर शीरी इलाके में स्थित प्राथिमक चिकित्सा केंद्र संपर्क कया। चिकित्सा अधिकारियों ने एंबुलेंस का प्रबंध किया लेकिन तीन फीट बर्फ में इलाके तक एंबुलेंस पहुंचना संभव नहीं था। एंबुलेंस चली तो सही लेकिन कुछ दूरी पर आकर बर्फ में फंस गई।
महिला की हालत बिगड़ते देख अल्ताफ व उसके पड़ोस के कुछ युवाओं ने बेगम जान को खुद चिकित्सा केंद्र पहुंचाने का फैसला किया। भारी बफर्बारी के बीच महिला को चारपाई में लिटाकर पैदल अस्पताल निकल पड़े।
सड़क पर तीन से चार फीट तक बर्फ जमी थी, ऐसे में कुछ कदम भी चलना मुश्किल हो रहा था। इसके बावजूद इन बहादुर युवाओं ने हिम्मत नहीं हारी। महिला को शीरी इलाके में स्थित प्राथिमक चिकित्सा केंद्र पहुंचाया गया। वहां से चिकित्सकों ने उनकी हालत हो देखते हुए जिला अस्पताल बारामुला शिफ्ट कर दिया गया।
शीरी प्राथिमक चिकित्सा केंद्र के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. फारूक अहमद का कहना था कि महिला का रक्तचाप बढ़ गया था जिसके लिए उसे फौरन उपचार की जरूरत थी। डॉक्टर उसकी हालत पर नजर रखे हुए हैं।
वहीं प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि लगातार बर्फबारी व फिसलन के कारण बर्फ हटाने का काम तेज गति से नहीं हो पा रहा है। कुछ स्थानों पर यह काम चल रहा है लेकिन स्थितियां अभी भी बेहतर नहीं हैं।