Terror Funding In Kashmir : गुलाम कश्मीर में MBBS की 40 सीटें बेचते थे हुर्रियत नेता, सलाना कमाते थे 4 करोड़ का कारोबार
छात्रवृत्ति योजना अलगाववादियों और आतंकियों के बच्चों या उनके करीबियों के लिए हैं। छात्रवृत्ति योजना के तहत दाखिला पाने वाले छात्र को कोई खर्च नहीं करना पड़ता। उसकी पढ़ाई रहने के अलावा खाने पीने का खर्च पाकिस्तान सरकार उठाती है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर पुलिस के काउंटर इंटेलीजेंस कश्मीर (सीआईके) विंग के अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान जो डिजिटल रिकार्ड, रसीदें और बैंक लेन-देन का पता चला है, उसके आकलन पर कहा जा सकता है कि हर साल एमबीबीएस की 40 सीटें हुर्रियत नेता बेचते रहे हैं। इस तरह से वह सालाना चार करोड़ का कारोबारी करते थे। पकड़े न जाएं इसलिए वह एजुकेशनल कंसल्टेंसी से जुड़ी विभिन्न कंपनियों और लोगों की मदद भी लेते थे। उनके खातों के जरिए पैसे को आगे पीछे किया जाता था। उन्होंने बताया कि कुछ एजुकेश्नल कंसल्टेंसी भी रडार पर हैं और उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
पाकिस्तान ने दो वर्गाें में बांट रखा है कश्मीरी छात्रों को : पाकिस्तान ने कश्मीरी छात्रों को दो वर्गाें में बांट रखा है। एक वर्ग उन छात्रों का है जो विदेशी छात्रों के लिए आरक्षित सीटों के लिए आवेदन करते हैं और दूसरा छात्रवृत्ति योजना के तहत दाखिला लेने वाले छात्र। छात्रवृत्ति योजना अलगाववादियों और आतंकियों के बच्चों या उनके करीबियों के लिए हैं। छात्रवृत्ति योजना के तहत दाखिला पाने वाले छात्र को कोई खर्च नहीं करना पड़ता। उसकी पढ़ाई, रहने के अलावा खाने पीने का खर्च पाकिस्तान सरकार उठाती है। विदेशी छात्रों के आरक्षित कोटे से दाखिला पाने वाले छात्रों को एक मोटी फीस चुकानी होती है और उसी में सारा खेल चलता है। कई बार छात्रवृत्ति के कोटे में भी हुर्रियत नेता कमाई करते हैं।
सैयद अली शाह गिलानी ने भी लगाए थे आरोप : पाकिस्तान में कश्मीरी आतंकियों और अलगाववादियो के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना और विदेशी छात्र कोटे की आड़ में हुर्रियत नेताओं द्वारा माल कमाए जाने के कई मामले सार्वजनिकि होने के बाद कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी ने 2016 में खुद को इससे पूरी तरह अलग कर लिया था। उन्होंने इस गोरखधंधे में लिप्त कई हुर्रियत नेताओं की जांच कराने की मांग की थीऔर जब पाकिस्तान ने इस पर कान नहीं धरा तो बीते साल उन्होंने इस मुद्दे को पूरी तरह सार्वजनिक करते हुए खुद को हुर्रियत से भी अलग कर लिया था।