Jammu Murder Case: मोबाइल के लिए रितिक के दोस्त ने ही घोंट दिया उसका गला, फिर पहचान छुपाने के लिए चेहरे पर डाला तेजाब
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए इन दिनों सभी स्कूल बंद हैं। सभी स्कूल बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं। इसलिए रितिक ने अपने दादा से नया मोबाइल फोन मांगा था।
जम्मू, जागरण संवाददाता। आपको सुनकर हैरानगी होगी परंतु यह सच है कि एक दोस्त ने दूसरे दोस्त की महज इसलिए हत्या कर दी कि उसने लाॅकडाउन में उसे समय बिताने के लिए अपना मोबाइल फोन नहीं दिया। बात बहसबाजी से शुरू हुइ आैर हाथापाइ पर पहुंच गइ। यह मामला जम्मू शहर के साथ लगते सतवारी इलाके का है।
ओल्ड सतवारी रितिक हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने का दावा करते हुए पुलिस ने ने बताया कि रितिक कुमार (14) की हत्या उसके ही हमउम्र नौवीं कक्षा के सहपाठी प्रवासी श्रमिक परिवार के किशोर ने की थी। हत्यारोपी किशोर ने रितिक से उसका मोबाइल फोन लेने के लिए उसकी गला दबा कर हत्या कर दी और बाद में पहचान छुपाने के लिए एसिड से चेहरा जला दिया। आरोपित किशोर के खुलासे से पुलिस ने रितिक का मोबाइल फोन भी इलाके से बरामद कर लिया, जो उसने हत्या के बाद छुपा दिया था।
हत्यारोपित किशोर ने पुलिस को बताया कि 20 मई को उसने ही फोन कर रितिक को खेलने के लिए बुलाया था। उसने रितिक से अपना फोन कुछ दिनों के लिए उसे देने को कहा था, लेकिन रितिक ने फोन देने से इंकार कर दिया। इस पर दोनों में पहले बहस और फिर हाथापाई शुरू हो गई थी। आरोपित ने रितिक की छाती पर मुक्का मारा और फिर उसका गला दबा कर मार डाला था। रितिक की मौत के बाद उसके शव को खाली प्लाट में फेंक दिया था। पुलिस इस मामले में फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, ताकि सभी कड़ियों को जोड़ा जा सके।
चट्ठा पुलिस चौकी के मुंशी के घर के पीछे मिला फोन : रितिक के पड़ोसी सोहन कुमार ने अनुसार 20 मई को जब रितिक लापता हुआ था तो उसके परिवार वाले स्थानीय लोगों के साथ चट्ठा पुलिस चौकी गए थे तो वहां मौजूद मुंशी ने परिजनों से बदसलूकी की और वापस भेज दिया था। रितिक के लापता होने के एक दिन बाद सतवारी थाने में मामला दर्ज किया गया था। परिजन जब भी पुलिस चौकी में रितिक के बारे में जानकारी जुटाने जाते थे, तो मुंशी उन्हें भगा देता था। सोहन कुमार का आरोप है कि सोमवार को रितिक का फोन मुंशी के घर के पीछे मिला, जिससे इस मामले में उसकी भूमिका साफ होती है।
दादा ने स्कूल का होमवर्क करने के लिए रितिक को दिया था नया फोन : कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए इन दिनों सभी स्कूल बंद हैं। सभी स्कूल बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं। इसलिए रितिक ने अपने दादा से नया मोबाइल फोन मांगा था। रितिक के दादा ने भी उसे नया मोबाइल इसलिए खरीदकर दिया कि उनको लग रहा था कि इससे बच्चे को स्कूल का काम करने में आसानी होगी। उन्हें क्या पता था कि इसी मोबाइल फोन के लिए रितिक की हत्या हो जाएगी। इसी फोन पर रितिक आरोपित के साथ लूडो खेलता था और वे शर्त भी लगाते थे।
परिजनों को न्याय अवश्य मिलेगाः भाजपा के पूर्व पार्षद विक्रम रंधावा ने शोकाकुल परिवार का ढांढस बंधाया। उन्होंने रितिक की मां नीशू को आश्वासन दिया कि परिजनों को न्याय अवश्य मिलेगा। जहां तक संभव होगा परिवार के सदस्यों की आर्थिक मदद भी की जाएगी। वहीं, कांग्रेस के पूर्व मंत्री रमण भल्ला भी शोकाकुल परिवार के प्रति सहानुभूति प्रकट करने उनके घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि परिवार को न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस समय पर कदम उठाती तो मासूम की हत्या नहीं होती।
मामले को दबाने का आरोप लगने पर मुंशी सतवारी थाने में अटैचः रितिक के हत्यारोपितों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने, पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग को लेकर रितिक के परिजनों के साथ स्थानीय लोगों ने उसके शव को करीब तीन घंटे तक सतवारी चौक में रख कर प्रदर्शन किया। एसपी सिटी साउथ दीपक ढींगरा, एसडीएम साउथ द्वारा पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने और मामले की जांच निष्पक्ष करने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन शांत हुए और रितिक के शव का पुरमंडल में अंतिम संस्कार किया। परिजनों ने चट्ठा पुलिस चौकी में तैनात मुंशी मोहम्मद शब्बीर पर हत्यारोपितों से रुपये लेकर मामले को दबाने का संगीन आरोप लगाया था। इसका संज्ञान लेते हुए एसपी सिटी साउथ दीपक ढींगरा ने मुंशी को सतवारी पुलिस थाने में अटैच कर दिया। इससे पूर्व रितिक की मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए सतवारी पुलिस ने जीएमसी अस्पताल में तीन डाक्टरों के बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाया। एसएसपी जम्मू श्रीधर पाटिल के अनुसार मामले को लगभग सुलझा लिया गया है। जल्द ही पूरे मामले को खुलासा कर दिया जाएगा। करीब तीन घंटे तक सतवारी चौक में हुए प्रदर्शन के चलते चौक पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद चौक की ओर आ रहे वाहनों को अन्य मार्गों की ओर मोड़ा।
- लॉकडाउन के बीच बच्चों और युवाओं को खाली समय में आनलाइन गेम खेलने की लत लग सकती है। इस समय बच्चों के स्कूल बंद हैं, ऐसे में उनके मोबाइल पर ही स्कूल होमवर्क दे रहे हैं। ऐसे में इस समय बच्चों के हाथ में मोबाइल ज्यादा रहता है। इसलिए यह उनके अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे यह ध्यान दें कि बच्चा मोबाइल पर पढ़ाई ही कर रहा है या कुछ और। आनलाइन पढ़ाई के कारण इस समय हर बच्चा स्मार्ट फोन पर पढ़ाई कर रहा है। अभिभावकों को बच्चों के साथ दोस्ताना संबंध बनाना चाहिए और उनको गाइड भी करते रहना चाहिए। - डॉक्टर जगदीश थापा, मनोरोग विशेषज्ञ