Jammu And Kashmir: हृदेश कुमार जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी
भारतीय चुनाव आयोग ने वरिष्ठ आइएएस अधिकारी हृदेश कुमार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का मुख्य निर्वाचन अधिकारी बनाया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। भारतीय चुनाव आयोग ने वरिष्ठ आइएएस अधिकारी हृदेश कुमार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का मुख्य निर्वाचन अधिकारी बनाया है।आइएएस अधिकारी शैलेंद्र कुमार की जगह हृदेश कुमार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी अधिकारी बनाने का आदेश सोमवार को भारतीय चुनाव आयोग के सचिव बीसी पत्रा ने जारी किया।
आयोग ने मुख्य सचिव से सुनिश्चित कर अनुपालन रिपोर्ट देने के लिए भी कहा है कि नए मुख्य निर्वाचन अधिकारी नई जिम्मेदारी फौरन संभाल लें। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पद पर तैनात होने से पहले हृदेश कुमार शिक्षा विभाग के आयुक्त सचिव के पद पर तैनात थे।नए मुख्य निर्वाचन अधिकारी जम्मू कश्मीर में विधानसभा के सीटों के परिसीमन में अहम भूमिका निभाएंगे।
केंद्र सरकार ने परिसीमन की दिशा में कार्रवाई करते हुए परिसीमन आयोग का गठन कर दिया है। जल्द इस दिशा में कार्रवाई शुरू होने वाली है। इसके साथ जम्मू कश्मीर में पंचायत उप चुनाव करवाना भी अब नए मुख्य निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी होगा।
मार्च महीने में तय पंचायत उप चुनाव को सुरक्षा हालात को देखते हुए कुछ समय के लिए टाल दिया गया था।जम्मू कश्मीर सरकार ने आयोग के निर्देश पर 12 मार्च को मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पद के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के नाम का सुझाव भेजा था।
अधिकारियों के इस पैनल पर गौर करने के बाद आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पद के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1999 बैच के अधिकारी हृदेश कुमार ¨सह को चुना। इस संबंध में उपराज्यपाल प्रशासन को जानकारी दे दी गई।
अपनी पार्टी की सक्रियता से नेकां-कांग्रेस में खलबली
हाल ही में गठित जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी की बढ़ती सक्रियता ने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस में खलबली पैदा कर दी है। इन पार्टियों के कई नेता इस नवगठित पार्टी में शामिल हुए हैं। अल्ताफ बुखारी की जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के कई नेता पिछले दो दिनों में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठकें कर चुके हैं। इसे अपनी पार्टी की केंद्र शासित जम्मू कश्मीर की सियासत में बढ़ते कदम के रूप में देखा जा रहा है। जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के सियासत में बढ़ते कदम को देखते हुए नेशनल कांफ्रेंस ने श्रीनगर और कांग्रेस ने जम्मू में बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला की रिहाई से उनकी पार्टी को संजीवनी मिल गई है। उनकी रिहाई से कश्मीर केंद्रित दलों की सियासत भी जोर पकड़ने लगी है। कांग्रेस व नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर में सियासी गतिविधियां शुरू करने के लिए राजनीतिक कैदियों की रिहाई के मुद्दे को तूल देने के लिए हरकत में आ गई हैं। फारूक के साथ श्रीनगर में पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद बैठक भी कर चुके हैं।