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घरों की छत्तों, बाॅलकनी में खड़े हो तालियां, थालियां बजाकर योद्धाओं का सम्मान किया

देश में कोरोना की चुनौती के बीच काम में जुटे योद्धाओं के काम की सराहना के लिए आज पूरे जम्मू कश्मीर के लोग अपने घरों की छत्तों बाॅलकनी और गेट में खडे होकर तालियां और थालियां बजार्इ

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 05:24 PM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 05:24 PM (IST)
घरों की छत्तों, बाॅलकनी में खड़े हो तालियां, थालियां बजाकर योद्धाओं का सम्मान किया
घरों की छत्तों, बाॅलकनी में खड़े हो तालियां, थालियां बजाकर योद्धाओं का सम्मान किया

जम्मू, जागरण संवाददाता। देश में कोरोना की चुनौती के बीच काम में जुटे डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों, पुलिस, मीडिया, एयरलाइन और परिवहन सेवाओं से जुड़े योद्धाओं के काम की सराहना के लिए आज पूरे जम्मू कश्मीर के लोग अपने घरों की छत्तों, बाॅलकनी और गेट के समीप खड़े होकर तालियां और थालियां बजाकर योद्धाओं के काम की सराहना की।

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यह जोश, यह जज्बा, शायद ही कभी देखने को मिला हो या शायद ही कभी दोबारा देखने को मिले। बिना किसी को कोई निमंत्रण दिए, बिना किसी को सूचित किए, लोग ठीक पांच बजे अपने घरों के दरवाजों, बॉलकाेनियों, छतों व खिड़कियों के पास आ खड़े हुए और जोर जोर से घंटियां, थालियां व तालियां बजाने लगे। यह सब कुछ इतना अनुशासित था जिसका शायद अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता था। इस जोश, उत्साह में भी लोगों ने अपने धैर्य की परीक्षा दी। जनता कर्फ्यू का उल्लंघन न हो, इसका भी लोगों ने पूरा ध्यान रखा। घरों के अंदर रह कर ही लोगों ने कोरोना से उनकी जिंदगी को बचाने के लिए लड़ रहे यौद्धाओं का सत्कार किया। हाथों में घंटियां, थालियां लेकर लोगों ने जोर जोर से उन्हें बजाना शुरू कर दिया। जिन लोगों ने थालियां या घंटियां नहीं पकड़ रखी थी, उन्होंने तालियां बजाना शुरू कर दिया। जिन लोगों को समय का अनुमान नहीं था, उन्हें भी जब दूसरे घरों से यह आवाजें आना शुरू हुई तो वे भी इस मुहिम में शामिल हो गए। पूरा शहर इस तरह से घंटियों व तालियों की धुन में समा गया जैसे किसी मंदिर में हजारों श्रद्धालु ढोल मंजीरों को बजाकर अपने भगवान को प्रसन्न कर रहे हों। इस अद्भुत नजारे को देख अपनी आंखों पर विश्वास भी नहीं हो रहा था। अपने यौद्धाओं को सम्मान देने के लिए पॉश इलाकों के लोग भी पीछे नहीं रहे। अकसर ऐसे मामलों में खुद को दूर रखने वाले पॉश कालोनियों में भी लोगों का उत्साह देखने को मिला। चाहे बच्चे हो, महिलो हो या या बुजुर्ग हर कोई इस मुहिम का हिस्सा बना। लोगों ने इस मुहिम में अपनी भागेदारी कर संदेश दे दिया कि वह इस संकट की घड़ी का एक होकर मुकाबला करने को तैयार हैं।

रविवार शाम को जनता कर्फ्यू के बीच शाम को पांच बजते सभी लोग अपने घरों की छत्तों, बाॅलकनी और गेट पर आ गए। हालांकि पहले-पहल छत्तों पर लोगों की संख्या कमी दिखी लेकिन जैसे ही पांच बजे तो सैकड़ों की तादाद में लोग अपने योद्धाओं के काम की सराहना करते हुए नजर आए। पुराने शहर के पंजर्तीथी, पुरानी मंडी, गांधीनगर सहित प्रत्येक मोहल्लों सहित सभी जिलों, तहसीलों और प्रांतों में लाखों की तादाद में जम्मू कश्मीर वासियों ने कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों की सराहना की। कुछ क्षेत्रों में शाम पांच बजे सायरन भी बजाया गया। गांधीनगर के रहने वाले रवि दत्ता भी अपने परिजनों के साथ घर कर बालकनी में आकर खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि यह हम सभी का दायित्व बनता है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने वाले योद्धाओं के काम की सराहना करें। 


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