Kashmiri Pandits में फिर जगी घाटी वापसी की उम्मीदें, अपनी जमीन पाने के लिए करने लगे संघर्ष
Kashmiri Pandits सरकार ने इन विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए एक पोर्टल https//www.kashmirmigrantsip.jk. gov.in/ की शुरूआत की थी। इसी पोर्टल के माध्यम से कश्मीरी विस्थापित अपनी कब्जाई हुई जमीन को वापस लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जम्मू, जेएनएन: आतंकवाद के कारण घाटी से पलायन कर देश-विदेश में बस चुकेे कश्मीरी पंडित अब कश्मीर में अपनी पुश्तैनी जमीन व मकान की वापसी के लिए सरकार द्वारा तैयार पोर्टल पर आवेदन कर रहे हैं। इससे उन्हें वर्षों बाद फिर से अपनी जमीन वापस मिलने की उम्मीद बंध गई है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने सप्ताह पहले ही विस्थापित कश्मीरी पंडितों को उनकी कब्जाई हुई जमीन वापस दिलाने के लिए पहल की थी। इसके तहत सरकार ने इन विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए एक पोर्टल https://www.kashmirmigrantsip.jk.gov.in/ तैयार किया जिसका आज उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विधिवत शुभारंभ किया। इसी पोर्टल के माध्यम से कश्मीरी विस्थापित अपनी कब्जाई हुई जमीन को वापस लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इनकी विशेषता यह है कि कई वस्थापित ऐसे हैं, जिनकी जमीन जबरन या फिर धोखे से कश्मीर में कब्जे में ली गई है।
कश्मीर से विस्थापित होने के बाद ये कश्मीरी पंडित कई बार अपनी जमीन को वापस दिलाने के लिए सरकार से मांग करते रहे, हालांकि सभी सरकारों ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे उनकी जमीन से कब्जे छुड़ाकर उन्हें वापस दिलाने के लिए प्रयास करेंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। हर बार कश्मीरी पंडितों को मायूसी ही हाथ लगी।
अब उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उनकी कब्जाई हुई जमीन को वापस दिलाने के लिए एक ऑनलाइन वेबपोर्टल जारी किया। कश्मीरी पंडितों ने अब इस पर आवेदन करना भी शुरू कर दिया है। इसके तहत कश्मीरी पंडितों को अपनी कब्जाई हुई जमीन के बारे में पोर्टल पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवानी है। जानकारी के अनुसार कुछ कश्मीरी पंडितों ने इस पोर्टल पर आवेदन कर भी दिया है। 15 दिनों के भीतर सरकार को अब इस पर कार्रवाई करनी है।
जगटी टेनेमेंट कमेटी के प्रधान शादी लाल पंडिता ने कहा कि ऐसे कई कश्मीरी पंडित परिवार हैं, जिनकी जमीन-मकानों पर घाटी में अवैध कब्जे हुए हैं। सरकार की यह पहल अच्छी है, इससे फिर से पंडितों में घाटी वापसी की नई आशा जगी है। कुछ पंडित परिवारों ने अपनी जमीनों का हक वापस पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। अब देखना यह है कि सरकार इस पर तय समय में क्या कार्रवाई करती है।