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Afghanistan Crisis : जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालात पर गृहमंत्री अमित शाह लेंगे सुरक्षा समीक्षा बैठक

जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह भी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में भी एक सुरक्षा बैठक हुई है। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ व बीएसएफ सीआईएसएफ व एसएसबी सभी केंद्रीय खुफिया एजेंसियो के आलाधिकारी और सेना के वरिष्ठ कमांडर मौजूद थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 08:57 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 09:01 PM (IST)
Afghanistan Crisis : जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालात पर गृहमंत्री अमित शाह लेंगे सुरक्षा समीक्षा बैठक
केंद्रीय गृहसचिव अजय कुमार भल्ला भी प्रस्तावित बैठक में शामिल होंगे।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : अफगानीस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जम्मू-कश्मीर पर होने वाले इसके प्रभाव और राजौरी-पुंछ नियंत्रण रेखा पर घुसपैैठ की कोशिशों में आई तेजी को देखते हुए केंद्रीय गृृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में इसी सप्ताहंत एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक होने जा रही है। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय मंत्रियों के प्रस्तावित दौरों और आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की भर्ती से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

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जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह भी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में भी एक सुरक्षा बैठक हुई है। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस, कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ व बीएसएफ, सीआईएसएफ व एसएसबी, सभी केंद्रीय खुफिया एजेंसियो के आलाधिकारी और सेना के वरिष्ठ कमांडर मौजूद थे। इसमें भी अफगानीस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य पर होने वाले असर और पाकिस्तान व गुलाम कश्मीर में सक्रिय जिहादी तत्वों के कश्मीर एजेंड को लेकर ही चर्चा हुई थी। उन्होंने बताया कि इसी बैठक की अगली कड़ी के तौर पर केंद्रीय गृृहमंत्री की अध्यक्षता में दिल्ली में इसी सप्ताह बैठक हो रही है।

जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य स जुड़ी इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव डा अरुण कुमार मेहता, गृह सचिव शालीन काबरा, जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, जम्मू-कश्मीर पुलिस के खुफिया विंग के प्रमुख रश्मि रंजन स्वैन के अलावा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी, सीआरपीएफ, बीएसएफ और सेना के आलाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। केंद्रीय गृहसचिव अजय कुमार भल्ला भी प्रस्तावित बैठक में शामिल होंगे।

अफगानीस्तान में तालिबान की जीत के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात पर केंद्र सरकार लगातार नजर रखे हुए हैं। सभी सुरक्षा एजेंसियों से लगातार फीडबैक प्राप्त किया जा रहा है। हालांकि सेना, बीएसएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने कानून व्यवस्था की स्थिति से लेकर आतंकी खतरे की चुनाैती से निपटने में पूरी समर्थता जताते हुए दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने का पूर यकीन दिलाया है, लेेकिन केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में किसी भी तरह की चूक नहीं चाहती।  

केंद्र का मानना है अफगानीस्तान में तालिबान की जीत से कश्मीर में मरनासन्न आतंकवाद और अलगाववाद के समर्थकां का मनाेबल बढ़ सकता है। वे अपनी गतिविधियों में तेजी ला सकते हैं। इसलिए किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए एक प्रभावी रणनीति जरुरी है। इसलिए केंद्रीय गृहमंत्री ने बैठक बुलाई है।

संबधित सूत्रों ने बताया कि बैठक में कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी की मौत से अलगाववादी सियासत और कश्मीर पर होने वाले असर के अलावा राजौरी-पुुंछ में बीते दो माह के दौरान हुए घुसपैठ के प्रयासों से संबधित मुद्दों पर भी विचार विमर्श होगा। इसके अलावा स्थानीय युवकों की आतंकी संगठनों में भर्ती, पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा, जम्मू-कशमीर में केंद्रीय मंत्रियों के प्रस्तावित दौरे और प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर में जारी विकास योजनाओं पर भी चर्चा होगी।


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