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Amit Shah In Kashmir : कश्मीर शुरू से ही भारत की समृद्ध विरासत का केंद्र बिंदु रहा है: गृहमंत्री अमित शाह

शाह ने कहा कि सूफीवाद मध्य पूर्व और कश्मीर के रास्ते भारत आया था। कश्मीर ने पूरे देश को सूफीवाद का तोहफा दिया है। इस अवसर पर पीएमओ कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह उपराज्यपाल मनोह सिन्हा सहित कश्मीर घाटी के प्रसिद्ध सूफी-संत उपस्थित थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 03:34 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 03:34 PM (IST)
Amit Shah In Kashmir : कश्मीर शुरू से ही भारत की समृद्ध विरासत का केंद्र बिंदु रहा है: गृहमंत्री अमित शाह
कश्मीर शुरू से ही भारत की समृद्ध विरासत का केंद्र बिंदु रहा है।

श्रीनगर, जेएनएन : कश्मीर में शांति और आपसी सौहार्द को और मजबूत बनाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने वहां के सूफी-संतों की राय भी जानने का प्रयास किया। अपने दौरे केे अंतिम दिन भी गृहमंत्री घाटी में विभिन्न प्रतिनिधियां से मिले। आज श्रीनगर में सूफी और संतों से भेंट कर शाह ने कहा कि सूफी संस्कृति भी उसी समृद्धता का एक भाग है, जो शांति और उदारवाद की प्रतीक है। कश्मीर शुरू से ही भारत की समृद्ध विरासत का केंद्र बिंदु रहा है।

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शाह ने कहा कि सूफीवाद मध्य पूर्व और कश्मीर के रास्ते भारत आया था। कश्मीर ने पूरे देश को सूफीवाद का तोहफा दिया है। इस अवसर पर पीएमओ कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, उपराज्यपाल मनोह सिन्हा सहित कश्मीर घाटी के प्रसिद्ध सूफी-संत उपस्थित थे। करीब आधे घंटे तक हुई इस बातचीत में सूफी-संतों ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ कश्मीर की शांति और सहअस्तित्व को पुनर्स्थापित करने के लिए एक व्यापक चर्चा की। 

गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर में विभिन्न इस्लामिक विद्वानों और उलेमाओं से भी मुलाकात की और घाटी में धर्मांध जिहादी मानसिकता के प्रसार को रोकने के उपायों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कश्मीर में सदियों पुराने सांप्रदायिक सौहार्द का जिक्र करते हुए आतंकवाद से इसे पहुंचे नुकसान पर रोष जताया। बैठक में इस्लामिक विद्वानों ने कश्मीर में आतंकी ङ्क्षहसा की ङ्क्षनदा करते हुए कहा कि यह इस्लाम के खिलाफ है। इस्लाम में किसी इंसान के कत्ल की इजाजत नहीं है।

उन्होंने कहा कि देश-विदेश में बैठे कई तत्व विभिन्न माध्यमों से स्थानीय युवाओं को गुमराह करने के लिए इस्लाम की गलत व्याख्या कर उन्हें भड़काते हैं। इसे रोकने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा और युवाओं को कश्मीर की सूफीवाद और इस्लाम के मायनों से अवगत कराया जाएगा। इस्लामिक विद्वानों और उलेमा ने गृह मंत्री को यकीन दिलाया कि वह कश्मीर के युवाओं में धर्मांध जिहादी मानसिकता की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने और वतन परस्ती की राह पर लाने में अपनी जिम्मेदारी का पूरा निर्वाह करेंगे।


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