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Jammu Kashmir: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के होमगार्ड्स को कोई लाभ नहीं

आल जेएंडके होमगार्ड वेल्फेयर एसोसिएशन की प्रधान कमला शर्मा ने बताया कि दिल्ली में होमगार्ड्स को 21360 रुपये पांडिचेरी में 23731 रुपये चंडीगढ़ में 36000 और लक्षदीप में 19260 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। जम्मू-कश्मीर के होमगार्ड्स को सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 01:15 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 01:21 PM (IST)
Jammu Kashmir: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के होमगार्ड्स को कोई लाभ नहीं
जम्मू-कश्मीर में पिछली सरकारों ने उनकी नहीं सूनी और अब केंद्र सरकार भी वैसा ही कर रही है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: पिछले बीस से पच्चीस वर्ष से पुलिस विभाग के साथ अपनी सेवाएं दे रहे जम्मू-कश्मीर के होमगार्ड्स को उम्मीद थी कि जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद उनको दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों के बराबर हक मिलेंगे लेकिन एक वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी उनकी उम्मीद धरी की धरी है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भी इन हाेमगार्ड्स को दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों के बराबर वेतन तो दूर, न्यूनतमत वेतन भी नहीं मिल रहा।

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आल जेएंडके होमगार्ड वेल्फेयर एसोसिएशन की प्रधान कमला शर्मा का कहना है कि दिल्ली में होमगार्ड्स को 21,360 रुपये, पांडिचेरी में 23,731 रुपये, चंडीगढ़ में 36,000 और लक्षदीप में 19,260 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है जबकि जम्मू कश्मीर के होमगार्ड्स को सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा। उन्हें पांच से छह हजार रुपये मिल रहे हैं जिससे उनके परिवार का पालन पोषण नहीं हो रहा। सोमवार को भी होमगार्ड्स ने प्रदर्शन कर सरकार से उनका वेतन बढ़ाने और उनकी सेवाओं को स्थायी करने की मांग की। उनका कहना था कि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश तो बना दिया लेकिन यहां के लोगों को अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तरह लाभ नहीं दिए गए।

अब भी जम्मू-कश्मीर में वैसा ही चल रहा है जैसे पिछली राज्य सरकारों के समय में था। केंद्र ने धारा 370 समाप्त कर लोगों को संदेश दिया था कि अब यहां पर कोई भेदभाव नहीं होगा लेकिन सच्चाई यह है कि यहां पर हालात अब भी वैसे हैं, जैसे पहले थे। प्रदर्शन कर रहे हाेमगार्ड्स का कहना था कि कि जम्मू-कश्मीर में पिछली सरकारों ने उनकी नहीं सूनी और अब केंद्र सरकार भी वैसा ही कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से उनको अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तरह वेतन व अन्य लाभ देने की मांग की। 


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